क्यों झारखंड में इसलिए बारिश नहीं हो रही है? दिल्ली से जारी निर्देश को मुख्यमंत्री ने बतायी वजह ..पढ़िये
रांची। झारखंड में चुनाव की घंटी इसी महीने से बजने वाली है। लिहाजा पार्टी स्तर पर चुनावी सरगर्मियां काफी तेज हो गयी है। हेमंत सोरेन जहां लगातार झारखंड में घूम-घूमकर सभा को संबोधित कर रहे हैं, तो वहीं भाजपा भी घेराबंदी की रणनीति तैयार कर रही है।
इन सबके बीच झारखंड में मौसम की बेरुखी जारी है। झारखंड के कई जिले सूखे की चपेट में है। गोड्डा में बुधवार को अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने झारखंड में मानसून की बेरुखी को लेकर केंद्र पर साधा निशाना।
केंद्र की वजह से झारखंड में समय पर बारिश नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव के लोग सबसे अधिक खेती बाड़ी से जुड़े हैं। झारखण्ड रूपी पेड़ की जड़ गांवों में है। इसलिए आपकी सरकार जड़ को मजबूत करना चाहती है, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना चाहती है। किसानों का दो लाख तक का ऋण माफ किया जा रहा है। मातायें, बहन और बेटियां सशक्त हो रहीं हैं।
व्यापारियों के द्वारा देश के जंगल को लूटने का प्रयास किया जा रहा है। वन अधिकार कानून बदल दिया जा रहा है। लोगों का जंगल काटने का निर्देश दिल्ली से जारी हो रहा है, नतीजा यह हो रहा है कि इससे समय पर बारिश नहीं होती, पर्यावरण असंतुलित हो रहा है।
भाजपा पर जमकर साधा निशाना
चुनाव की घंटी बजने वाली है और यहां अन्य राज्यों से गिद्ध मंडराने लगे हैं। मणिपुर एक साल से जल रहा है, वहां बहन-बेटियों की इज्जत लूटी जा रही है, वहां के लोग पलायन को विवश हैं, लेकिन केंद्र सरकार के मुखिया एक बार भी वहां नहीं गए।
इन लोगों को किसी से कोई लेना-देना नहीं है। आज पंजाब, हरियाणा में ये जा नहीं सकते, क्योंकि किसान इनके विरोध में हैं। जम्मू कश्मीर में होने वाले चुनाव में भी इन्हें मुंह की खानी पड़ेगी। अब इनकी नजर झारखण्ड पर है।
पूर्ववर्ती सरकार से की तुलना
इसका आकलन आप सभी को करना है कि 20 वर्ष में पूर्व की डबल इंजन सरकार में कैसे आपको दोनों हाथों से लूटा गया और विगत 4 वर्ष में आपको क्या अधिकार मिला? कोरोना काल में दिल्ली में बैठे लोगों ने पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया था। घर में ताला लगा कर लोग रहने को विवश हुए थे। रोजी-रोजगार समाप्त हो गया था। लोग सड़क पर मरने लगे थे।
याद कीजिए उस दिन को, आपका यह भाई और बेटा आपके परिवारजनों को ट्रेन और हवाई जहाज से लाकर अपने-अपने घरों तक पहुंचाने का काम करता था। झारखण्ड ही ऐसा इकलौता प्रदेश है जो अलग-अलग प्रदेशों से अपने राज्य के लोगों को ट्रेन, हवाई जहाज और बसों से लेकर आया।