झारखंड को ऐसे मिलेगा कोल रॉयल्टी का 1.36 लाख करोड़…केंद्रीय मंत्री ने दिया भरोसा!
झारखंड को कोल रॉ़यल्टी का बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपया मिल जायेगा.हेमंत सोरेन सरकार पिछले 6 साल से कई बार कोयला मंत्री से लेकर केंद्र सरकार के प्रधान सचिव और प्रधानमंत्री तक के सामने कोल ऱॉयल्टी के बकाया राशि का भुगतान करने की मांग उठा चुकी है.
नीति आयोग की बैठक में भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पिछले कार्यकाल में कोल रॉयल्टी की मांग की थी.
हालिया संपन्न विधानसभा चुनाव से पहले सितंबर 2024 में भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था. चुनाव बाद भी इसकी मांग रखी. दरअसल, पूर्णिया सांसद पप्पू यादव लोकसभा में सवाल किया था कि झारखंड को कोल रॉयल्टी का भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा है. जवाब में विभागीय मंत्री ने जवाब दिया था कि केंद्र के पास झारखड का कोई बकाया नहीं है.
तब इसे लेकर खूब विवाद हुआ था.
झारखंड की गठबंधन सरकार ने केंद्र पर पक्षपात का आरोप लगाया था. झामुमो के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा था कि यदि केंद्र ने कोल रॉयल्टी का बकाया नहीं दिया तो झारखंड में किसी भी खदान पर एक फावड़ा भी नहीं चलने देंगे. राज्य से कोयला लेकर जाने वाली मालगाड़ियां रोक दी जायेंगी.
केंद्रीय कोयला मंत्री ने दिया आश्वासन
अब केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने आश्वासन दिया है कि झारखंड को कोल रॉयल्टी का भुगतान किया जायेगा.
उन्होंने कहा कि इसके लिए कमिटी बनाई गयी है. कमिटी जो निर्णय देगी उसी आधार पर पैसे दिए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि कोल रॉयल्टी की बकाया राशि को लेकर उनकी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बातचीत हुई है. जल्द ही बकाया राशि के भुगतान के लिए कदम उठाये जाएंगे.
दरअसल, गुरुवार की शाम को केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बीच सीएम हाउस में आला अधिकारियों की मौजूदगी में मीटिंग हुई थी जिसमें मुख्यमंत्री ने कई मांगें रखी थीं.
कोल रॉयल्टी पर क्या बोली कांग्रेस पार्टी
इस बीच प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सोनाल शांति ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि लोकसभा में झारखंड के बकाये के प्रश्न पर केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री ने सदन को गुमराह किया.
वहीं, झारखंड दौरे पर आये केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री स्वीकार करते हैं कि कोल रॉ़यल्टी का बकाया राशि है. वह कहते हैं कि यह लोकतंत्र के लिए विध्वंसक स्थिति है. जी किशन रेड्डी के सामने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने फिर से कोल रॉयल्टी के बकाया राशि का भुगतान करने की मांग रखी है.उम्मीद है कि मोदी सरकार सकारात्मक तरीके से सोचेगी.