झारखंड: महिला से 20,000 घूस ले रहा था अंचल निरीक्षक, धराया तो हंसने लगा; जानें पूरी बात
झारखंड पुलिस के जवानों के बीच मैरून कलर का शर्ट पहने खड़े इस व्यक्ति को देखिए. लगेगा वाह! क्या बदाहुर आदमी है. हथियारबंद जवानों की गिरफ्त में भी चेहरे की हंसी गायब नहीं हुई. क्या बेबाक मुस्कान है न.
या कि ये बेशर्म मुस्कुराहट है. बेहयाई है. निर्लज्जता है.
हम ऐसा क्यों कह रहे हैं, आप सब समझ जायेंगे जब पूरी कहानी जानेंगे. सबसे पहले तो यह जान लीजिए कि ये आदमी है कौन जो पुलिस की गिरफ्त में भी इतने ठहाके लगा रहा है. इस शख्स का नाम है सुरेश राम. महोदय, लातेहार जिला के नेतरहाट स्थित बरवाडीच अंचल कार्यालय में उप राजस्व निरीक्षक सह प्रभारी अंचल निरीक्षक हैं.
इनको एक महिला से 20,000 रुपये घूस लेते एसीबी यानी एंटी करप्शन ब्यूरो ने पकड़ा है. क्यों पकड़ा. कैसे पकड़ा. पूरी कहानी जानेंगे.
बरवाडीह अंचल का राजस्व उपनिरीक्षक है सुरेश राम
पुलिस ने बरवाहीड़ अंचल कार्यालय के उप राजस्व निरीक्षक सह प्रभारी अंचल निरीक्षक सुरेश राम को 20,000 रुपये घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है. वह एक महिला से जमीन का म्यूटेशन करने के बदले घूस ले रहे थे.
दरअसल, महिला ने पिछले साल 30 डिसमिल जमीन खरीदी थी. वह इस जमीन का म्यूटेशन कराने के लिए बरवाडीह अंचल कार्यालय जाकर अंचल निरीक्षक सुरेश राम से मिली. सुरेश राम ने कहा कि हम तो इसी काम के लिए बैठे हैं. जनता की सेवा करना ही तो हमारा काम है. लेकिन, वो सरकारी नौकरी का तकाजा कुछ ऐसा है कि हमें सेवा के बदले थोड़ा से मेवा चाहिए होता है.
अब काम म्यूटेशन का है तो यही कोई 1 लाख रुपये लगेंगे.
यह सुनते ही महिला घबरा गयी. इतना रुपया क्यों? तो सुरेश राम जी ने उनको पूरी स्कीम समझाई. कहा, पूरे 1 लाख रुपये एक बार में नहीं देने हैं बल्कि हम किश्त की व्यवस्था भी रखते हैं. आधा-आधा करके 2 किश्तों में चुका दीजिए लेकिन हमारी सेवा खरीदने के लिए पहले थोड़ा कैश पेमेंट करना होगा. यही कोई 20,000 रुपये. .
महिला ने एसीबी से जाकर शिकायत कर दी
महिला घूस देना नहीं चाहती थी सो उन्होंने एसीबी से शिकायत की.
आरोपों का सत्यापन पलामू एसीबी में तैनात डीएसपी ने किया. जांच में आरोप सही पाए गये. इसके बाद पलामू थाना कांड संख्या 1/2025 के तहत कार्रवाई करते हुये सुरेश राम को 23 जनवरी को 20,000 रुपये घूस लेते पकड़ लिया गया.
सुरेश राम पुलिस की हिरासत में मुस्कुराता रहा
यह तस्वीर जिसका हमने वीडियो के शुरुआत में ही जिक्र किया था, सुरेश राम की गिरफ्तारी के बाद का है. यहां सुरेश राम के चेहरे पर कोई चिंता, शिकन, शर्म या शंका नजर नहीं आयेगी. वह मुस्कुरा रहा है.
आंखों में चमक ऐसी है कि मानों कोई अवॉर्ड जीत लिया हो. चेहरे पर गर्व का भाव दिख रहा है. हो भी क्यों नहीं. सरकारी सिस्टम में करप्शन की वर्षों पुरानी परंपरा का निर्वहन जो किया है.
सुरेश राम की हंसी मुख्यमंत्री को बहुत चुभेगी
वैसे ये बेशर्म हंसी किसको ज्यादा चुभेगी. जनता को जो करप्शन का सबसे बड़ा शिकार है.
विभाग को, जिसकी मिट्टी पलीद हुई है. विभागीय मंत्री को, जिनके विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठेंगे या मुख्यमंत्री को जिन्होंने सरकारी दफ्तरों में करप्शन पर जीरो टॉलरेंस की बात की थी.
हाल ही में करप्शन के मामले में एसीबी की कार्रवाई पर खुद डीजीपी अनुराग गुप्ता ने प्रेस वार्ता की थी. कहा था कि मुख्यमंत्री का निर्देश है कि भ्रष्टाचारियों को किसी भी कीमत पर न छोड़ा जाये. वैसे जनता से जाते-जाते एक सवाल है.आपको क्या लगता है, मुख्यमंत्री और डीजीपी का निर्देश सुरेश राम महोदय तक पहुंचा होगा कि नहीं.