झारखंड में 30 और कैदी होंगे आजाद, दो बैठकों में अस्वीकृत हुए प्रकरणों पर मुख्यमंत्री ने किया पुनर्विचार

रांची। उम्रकैद की सजा काट रहे 30 और कैदियों की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। मुख्यमंत्री ने आज राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक ली। इस बैठक में उन 67 कैदियों की रिहाई पर पुनर्विचार किया गया, जिसके बाद उनमें से 30 कैदियों की रिहाई पर पर्षद ने मुहर लगा दी।

बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, प्रधान सचिव सह विधि परामर्शी विधि (न्याय) विभाग नलिन कुमार, गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल, रांची के न्यायायुक्त दिवाकर पांडेय, डीजीपी अनुराग गुप्ता, कारा महानिरीक्षक सुदर्शन प्रसाद मंडल सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

मंत्रालय में झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक में विचार-विर्मश के बाद मुख्यमंत्री ने अस्वीकृत किये गये प्रकरणों पर फिर से पुनर्विचार किया और उसमें से 30 प्रकरणों को रिहाई योग्य पाया। पिछली बैठक में मुख्यमंत्री ने 39 कैदियों को रिहा करने के प्रस्ताव पर अपनी मंजूरी दी थी।


अध्यक्षता में मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन में झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक हुई. इसमें उन 67 कैदियों की रिहाई से संबंधित मामलों पर फिर से विचार किया गया, जिन्हें झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की पिछली दो बैठकों में अस्वीकृत कर दिया गया था।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की अनुशंसा के आलोक में विभिन्न कारागारों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 67 कैदियों को कारामुक्त किए जाने के मामलों पर विचार-विमर्श किया. समीक्षा के क्रम में न्यायालयों, संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक, जेल अधीक्षक एवं प्रोबेशन पदाधिकारी के मंतव्य के बाद 30 कैदियों को रिहा करने पर अपनी स्वीकृति दी।


Aditya
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