"अनुबंधकर्मियों के नियमितिकरण पर गोलमोल झूठ" अमर बाउरी ने मुख्यमंत्री पर लगाये आरोप, कहा, झूठ बोलकर भाग गये मुख्यमंत्री

रांची। झारखंड का हंगामेदार मानसून सत्र खत्म हो गया। इस दौरान कई मौके पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी तकरार हुई। भाजपा के 18 विधायकों को हंगामे और धरना की वजह से सदन से निलंबित कर दिया गया। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाये।


उन्होंने सत्र खत्म होने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि, भारतीय जनता पार्टी ने पहले ही कहा था "मुख्यमंत्री आखिरी 5-10 मिनट में आएंगे, झूठ बोलेंगे और भाग जाएंगे" और यही हुआ ! "विधानसभा अध्यक्ष" ने अपने आचरण से इस विधानसभा व पद की गरिमा घटाई है और "मुख्यमंत्री" एक बार फिर 'युवाओं व अनुबंध कर्मियों' के विषय में गोल-माल झूठ परोस भाग निकले ... अब इनका फैसला झारखंड की जनता करेगी।

विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान जमकर हंगामा हुआ. सत्र के दौरान पाकुड़ हिंसा, बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा गरमाया रहा. बीजेपी ने सीएम हेमंत सोरेन से सदन में रोजगार और बेरोजगारी भत्ता पर बयान देने की मांग की. सीएम के बयान नहीं देने पर बीजेपी विधायकों ने रात भर विधानसभा में धरना दिया. इसके बाद मार्शलों ने बीजेपी विधायकों को उठाकर बाहर कर दिया. सदन की लाइन भी काट दी गई. विधायक अंधेरे में प्रदर्शन करते रहे।

बीजेपी विधायकों ने राज्य में बालू को लेकर सरकार की नीति का विरोध करते हुए बालू बेचकर अपना विरोध दर्ज किया। बीजेपी के निलंबित विधायक सदन में बालू और तराजू लेकर आए थे। राज्य में बालू की कालाबाजारी का आरोप लगाते हुए विधायकों ने तराजू से बालू तौल कर बेचा।

वहीं, विधायक नीरा यादव ने 100 रुपए प्रति किलो बालू बेचा। विधायक शशि भूषण मेहता सिर पर बालू की टोकरी लेकर विधानसभा पहुंचे। बालू की कीमत एक हजार रुपए रखी थी। बीजेपी विधायकों ने बताया कि राज्य सरकार की मुफ्त में बालू देने की योजना बिल्कुल हवा हवाई है और विपक्ष इसका पूरी तरह विरोध करता है।

बता दें कि हाल में ही राज्य सरकार ने आयकर ना भरने वाले गरीब लोगों को सरकार ने घर बनाने के लिए मुफ्त में बालू देने का ऐलान किया है। विधायकों ने सरकार के इस ऐलान को धोखा बताया है। विधायकों का कहना है कि यह घोषणा हवा में कर दिया गया है।


Aditya
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