झारखंड में परीक्षा गड़बड़ी बनेगा बड़ा चुनावी मुद्दा, मरांडी बोले, JSSC परीक्षा की CBI जांच करायें, नहीं तो...

रांची। झारखंड में प्रतियोगी परीक्षा में गड़बड़ियां कोई नयी बात नहीं है। JSSC से लेकर JPSC तक हर परीक्षा में किसी ना किसी तरह की गड़बड़ियां जरूर सामने आती है। अब चुनावी महीने में भाजपा इसे बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी में है। हालांकि पहले भी भाजपा झारखंड की प्रतियोगी परीक्षा को लेकर झामुमो पर निशाना साधती रही है, लेकिन अब वो इसे लेकर छात्रों को भी अपने पक्ष में साधने लगी है।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने जेएसएससी पीजीटी परीक्षार्थियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इस दौरान छात्रों और प्रतियोगी परिक्षार्थियों के मुद्दे पर विस्तार से जानकारी ली। छात्रों ने बताया कि पीजीटी परीक्षा में एक ही परीक्षा केंद्र से 500 से अधिक परीक्षार्थियों के उत्तीर्ण हुए, वहीं विवादित एजेंसी को परीक्षा का जिम्मा सौंपा गया, जिसकी वजह से परीक्षा को लेकर संशय की स्थिति सामने आयी।

छात्रों ने बाबूलाल मरांडी को ये भी बताया कि परीक्षा प्रक्रिया के दौरान कई अन्य अनियमितता सामने आयी, लेकिन सरकार ने उस पर गंभीरतापूर्वक कार्रवाई नहीं की। राज्य सरकार के ढुलमूल रवैये की वजह से झारखंड के छात्रों को आए दिन कई तरह की संकटों से जूझना पड़ रहा है। छात्रों की बातों को सुनने के बाद बाबूलाल मरांडी ने कहा कि छात्रों का भविष्य दांव पर लगा कर जेएमएम और कांग्रेस की सरकार सिर्फ अपनों की स्वार्थपूर्ति में लगी हुई है। इन्हें छात्रों की शिकायत और उनके परेशानी की कोई परवाह नहीं।

बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि यह बेहद शर्मनाक है कि हमारे राज्य में एक ऐसा मुख्यमंत्री है, जो समय-समय पर 'अपने रोजगार' के बारे में तो सोच लेता है, पर पिछले साढ़े चार साल से सड़क पर आंदोलन कर रहे छात्रों के बारे में उसको एक पल भी ख्याल नहीं आता! उन्होंने हेमंत सोरेन को आगाह किया कि स्वार्थ और सत्तालोलुपता को त्याग कर पीजीटी परीक्षा में हुई गड़बड़ी के सीबीआई जांच की अनुशंसा करें, अन्यथा झारखंड की छात्रशक्ति सत्ता से आपके विदाई का उचित प्रबंध करेगी।

HPBL
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