झारखंड में सहायक पुलिसकर्मियों पर दर्ज होगी FIR, प्रदर्शन करने पर 18 नामजद और 1500 अज्ञात के खिलाफ शिकायत

रांची। मांगों को लेकर सड़क पर उतरने वाले सहायक आरक्षकों की मुश्किलें बढ़ सकती है। प्रशासन ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया है। रांची जिला प्रशासन की तरफ से कार्यपालक दंडाधिकारी संजय कुमार ने शिकायत दर्ज करायी है। 18 नामजद के अलावे 1500 सहायक आरक्षकों के खिलाफ शिकायत दी गयी है। इधर इस मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने निशाना साधा है। मरांडी ने कहा है कि ये कैसी सरकार है.... जहां पहले अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरना पड़ता है, फिर लाठी खानी पड़ती है और अंत में मुख्यमंत्री जी के आदेश पर झूठे एफआईआर भी लिखे जाते हैं।

मरांडी ने निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के लिए, उनकी आलोचना करना पूरे आदिवासी समाज की आलोचना करने के बराबर है, परंतु जब बात खुद सत्ता में बैठकर आदेश देने की आती है, लोगों पर एफआईआर कराने की आती है तो उन्हें आदिवासी समाज नहीं दिखता है। नामित नामों को देखें तो 18 में से लगभग 11 से 12 नाम आदिवासी भाई बहनों के हैं, और अभी 1500 अज्ञात लोगों में से न जाने और कितने आदिवासी भाई बहनों के नाम सामने आने बाकी हैं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा है कि आदिवासी समाज का आवरण ओढ़कर झूठ फरेब की राजनीति करके मुख्यमंत्री जी सत्ता पर तो बैठ गए हैं, लेकिन आज भी उनकी आंखों में स्वार्थरूपी पट्टी बंधी है, वो आज भी आदिवासी समाज के लोगों को सिर्फ अपना वोटबैंक समझते हैं, उन्हें यह भ्रम है कि आदिवासी समाज पर वो चाहे कितने भी जुल्म करें, कितना भी अत्याचार करें, आदिवासी समाज उनके साथ खड़ा है।

सरकार को आगाह करते हुए उन्होंने कहा कि गलतफहमी पालकर कितने दिन आँखें बंद रखेंगे। उठिए, जागिए महाराज, देखिए आपके पीछे अब कोई नहीं बचा है। और हां, थोड़ी सी भी मर्यादा और इंसानियत बची हो तो नामजद सहायक पुलिसकर्मियों का नाम एफआईआर से वापस लें। चाहे आप अपनी हड्डियों का बचा पूरा दम भी क्यों न लगा लें... अधिकारों के मिलने तक, मांगों के पूरा होने तक यह संघर्ष अनवरत चलता रहेगा, यह बिगुल हरदम बजता रहेगा।

HPBL
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