हेमंत कैबिनेट अपडेट: कैबिनेट में आज आउटसोर्स कर्मचारियों को मिल सकती है सौगात, इन एजेंडों पर भी लगेगी मुहर, पढ़िये आज क्या-क्या होने हैं फैसले

Hement Cabinet : हेमंत कैबिनेट की अहम बैठक अब से कुछ देर में शुरू होने वाली है। बैठक में आज तीन दर्जन से ज्यादा फैसलों पर मुहर लगेगी। जानकारी के मुताबिक आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को लेकर हेमंत सरकार बड़ा फैसला ले सकती है। वहीं बैठक में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजना के क्रियान्वयन में संशोधन करने के प्रस्ताव पर भी स्वीकृति मिल सकती है। राज्य के सरकारी भवनों, कार्यालयों, न्यायमंडलों एवं केंद्रीय उपक्रमों में ट्रांसफार्मर लगाने के लिए ऊर्जा सिक्योरिटी डिपॉजिट की राशि को वेब-ऑफ करने, जगन्नाथपुर स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक में स्टेट ऑफ आर्ट संस्थान विकसित करने, 2551 लघु आंगनबाड़ी केंद्रों को सामान्य केंद्रों में उत्क्रमण करने, राज्य वित्त आयोग (अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति, सेवा शर्त एवं प्रक्रिया) नियमावली 2022 में संशोधन करने, सरकारी स्कूलों में कक्षा 9 से 12 के छात्रों के लिए स्कूल डायरी छापने और बांटने की स्वीकृति आदि का प्रस्ताव पर भी मंजूरी मिलने की संभावना है।

30 हजार ज्यादा आउटसोर्स कर्मियों के लिए राज्य सरकार नियमावली बना सकती है। आज कैबिनेट में इस पर फैसला लिया जा सकता है। जानकारी के मुताबिक झारखंड में अभी विभिन्न विभागों से लेकर प्रखंड से लेकर राज्य तक में 31000 से ज्यादा आउटसोर्सकर्मियों से काम लिया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट ने आउटसोर्सिंग के द्वारा विभागों में सेवा लेने के संबंध में पूर्व में एक आदेश पारित किया था। इसी आदेश के तहत सरकार आज नीतिगत निर्णय ले सकती है। वित्त विभाग ने हाल ही में विभागों और उनके अधीनस्थ कार्यालयों से आउटसोर्स कर्मियों का ब्योरा मांगा था।

बता दें कि विभागों में संविदा वाले कंप्यूटर ऑपरेटर को जहां 30 हजार मिलता है, वहीं इसी काम के लिए आउटसोर्स को मात्र 12 हजार से 18 हजार रुपये मानदेय मिलता है।सरकार के विभिन्न विभागों में कुछ नियुक्तियां आउटसोर्स के माध्यम से होती है। यह नियुक्ति जैप आईटी के माध्यम से सूचीबद्ध एजेंसियों के द्वारा की जाती है। ऐसी सूचीबद्ध एजेंसियों की संख्या 14 है। वहीं, कुछ विभाग में सूचीबद्ध एजेंसी भी आउटसोर्सिंग से नियुक्ति करती है।

30 हजार से अधिक कार्यरत कर्मियों में कंप्यूटर ऑपरेटर, डाटा इंट्री ऑपरेटर, आदेशपाल, चालक, सफाईकर्मी सहायक प्रोग्रामर आदि शामिल हैं। कोर्ट के आदेश पर चल रही नियमित करने की प्रक्रिया आउटसोर्स कर्मियों के दस साल लगातार सेवाकाल पूरे होने पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इनको नियमित करने की प्रक्रिया चल रही है। विभाग यदि कर्मी की लंबे समय से सेवा लेने की जानकारी देगा तो राज्य सरकार नियमित करने पर विचार कर सकती है। सरकार के विभिन्न विभागों में आउटसोर्सिंग के तहत काम कर रहे कर्मियों के हित में सरकार बड़ा फैसला ले सकती है। इन प्रस्तावों पर भी लग सकती है मुहर बैठक में

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