"हेमंत जी नौकरी बांट रहे हैं या मौत?" सिपाही भर्ती के दौरान हो रही मौत पर भड़के बाबूलाल मरांडी, कहा, 1-1 करोड़ दे सरकार

रांची। उत्पाद सिपाही की परीक्षा मौत की अग्निपरीक्षा बन गई है। दावा है की अब तक 10 अभ्यर्थियों की जान जा चुकी है। इधर मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है। दरअसल झारखंड में एक्‍साइज डिपार्टमेंट में कांस्टेबल बहाली के लिए आयोजित हो रही दौड़ प्रतियोगिता के दौरान कई युवकों की मौत और बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के बेहोश होने से नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए हैं।

इधर, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और पलामू के भाजपा सांसद बीडी राम ने अभ्यर्थियों की मौत और उनके बेहोश-बीमार होने की घटनाओं के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।


भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस मामले को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा,''मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नौकरी बांट रहे हैं या मौत? एक्‍साइज डिपार्टमेंट में सिपाही भर्ती की अधिसूचना 8 अगस्त को निकली, 14 अगस्त को एडमिट कार्ड दिया गया और शारीरिक दक्षता परीक्षण के लिए 22 अगस्त से दौड़ का आयोजन शुरू किया गया. ऐसे में महज 15 दिनों में अभ्यर्थी दौड़ की क्या तैयारी करेंगे?”

उन्होंने कहा कि ये मौतें सरकार की लापरवाही की वजह से हुई हैं। सरकार मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए का मुआवजा दे। सरकार को तत्काल बहाली की प्रक्रिया या तो रोक देनी चाहिए या दौड़ प्रतियोगिता के लिए जो समय निर्धारित किया गया है, उसकी समीक्षा करनी चाहिए। मरांडी ने कहा कि आपाधापी में भादो की उमस भरी गर्मी में दौड़ आयोजित कराने के कारण ही राज्य के 10 बेरोजगार युवक मौत के मुंह में समा गए।

हेमंत सरकार ने भर्ती केंद्रों पर ना तो पीने के पानी की व्यवस्था की है, ना शौचालय की. महिला अभ्यर्थी भी इस प्रतियोगिता में भाग ले रही हैं, लेकिन बहाली केंद्रों पर छोटे बच्चों को स्तनपान कराने की भी व्यवस्था नहीं है। उन्होंने लिखा, ''लगता है आपने नौकरी नहीं देने के लिए ही मौत बांटने का इंतजाम पक्का कर दिया है।

जनता को बताइए कि आखिर इन 10 बेरोजगार युवकों की मौत का जिम्मेदार कौन है? राज्य सरकार इन मौतों की न्यायिक जांच कराए और मृत युवकों के आश्रितों को उचित मुआवजा तथा सरकारी नौकरी उपलब्ध कराए.” इधर, पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने भी दौड़ के दौरान युवकों की मौत की घटनाओं पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

Aditya
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