ये कैसे गुरुजी ! लूंगी - गमछा में आते है उपस्थिति बनाकर हो जाते हैं गायब, बच्चों ने सोशल मीडिया में लगाई गुहार,कहा - हमारा जीवन बर्बाद होने से बचाएं

चतरा। शिक्षक की समाज में गुरु का दर्जा दिया गया है क्योंकि शिक्षक जैसा चाहे वैसा समाज का निर्माण हो सकता है। राज्य के मुख्यमंत्री बेटियों की शिक्षा पर इतना जोर दे रहे है वही सरकारी स्कूल के शिक्षक शिक्षा की मजाक बना कर रख दिए हैं, जहां बच्चे पढ़ना चाहते है पर शिक्षक पढ़ाना ही नहीं चाहते।

राज्य का शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों को लाख प्रयासों को बाद भी गुणवत्ता सुधरने का नाम नहीं ले रहा है आलम यह है कि शिक्षको की स्कूल समय पर नहीं पहुंचाना स्कूल से शिक्षको द्वारा हाजिरी लगाकर गायब रहना आम तो है परंतु जिले में नया कारनामा सामने आया है। शिक्षकों का ये कारनामा शिक्षा विभाग को धता दे रहा है।

मामला जिले के लावालौंग प्रखंड क्षेत्र के अति सुदूर वर्ती गांव बनवार के एक सरकारी स्कूल की है।जहां स्कूल के बच्चो की एक वीडियो इन दिनों वायरल हो रहा है। जिसमे स्कूल के बच्चे ही शिक्षक की शिकायत करते दिख रहे हैं।यह पूरा वीडियो देखने से शिक्षकों की मनमानी और लापरवाही और उजागर हो रहा है। हालांकि HPBL वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।

वीडियो में बच्चे स्कूल के शिक्षक का पुरजोर शिकायत करते दिख रहे हैं जिसमें बच्चों द्वारा बताया जा रहा है कि कई शिक्षक विद्यालय में हाजिरी लगाकर अपने घर निजी कामों के लिए चले जाते हैं।वही दूसरे शिक्षक स्कूल में आकर हाजिरी बनाने के बाद पूरे दिन सो जाते हैं।जिससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रहा है।


8 शिक्षक के बावजूद नहीं होती पढ़ाई

ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि इस विद्यालय में कुल 8 शिक्षक हैं जिसमें एक सरकारी शिक्षक हैं बाकी 7 पारा शिक्षक हैं इसके बाद भी बच्चों की पढ़ाई प्रभावित रहता है। कुछ शिक्षक स्थानीय हैं जो हाजिरी बनाने के बाद अपने निजी कामों और हल जोतने में व्यस्त हो जाते हैं।वही सुदूरवर्ती गांव होने के कारण इस विद्यालय में कोई अधिकारी का आना-जाना नहीं रहता है।जिसका आलम है कि शिक्षक अपनी मनमानी रवैया से स्कूल आते जाते हैं।

पहले भी हुआ है फोटो वायरल

ग्रामीणों का मानना है कि शिक्षक और पदाधिकारी के मिली भगत से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।इससे पूर्व भी स्कूल के एक शिक्षक का फोटो स्कूल में सोते हुए वायरल हुआ था। सुदूर गांव में स्कूल होने के कारण शिक्षा के लिए मात्र सरकारी स्कूल पर ही निर्भरता है। ऐसे में यदि बच्चे की शिक्षा नहीं मिलेगी तो बच्चे कहां जाएंगे।

टीचर बदलने की लगाई गुहार

वही ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग के अधिकारी से अपील किया है कि यहां पर तैनात शिक्षकों का तबादला कर दिया जाए तथा अन्य शिक्षकों की तैनाती कर दी जाए।तो शिक्षा का सुधार कुछ हद तक हो पाएगा। ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षकों के समय पर ना आने के कारण छात्र-छात्राओं की संख्या भी कम होती जा रही है।

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