झारखंड: 5 पूर्व मंत्रियों की विधानसभा चुनाव के पहले बढ़ सकती है मुश्किलें, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व ACB से मांगा जवाब

रांची। चुनाव के ठीक पहले भाजपा के बड़े नेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती है। हाईकोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में राज्य सरकार और ACB से चार सप्तार हे भीतर जवाब मांगा है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय और जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की डबल बेंच ने चार सप्ताह के भीतर विस्तृत जानकारी मांगी है।


आपको बता दें कि तत्कालीन रघुवर सरकार के पांच मंत्रियों अमर कुमार बाउरी, रणधीर सिंह, डॉ नीरा यादव, लुईस मरांडी और नीलकंठ सिंह मुंडा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति हासिल करने का आरोप लगा था।

आपको बता दें कि पिछले साल कैबिनेट की बैठक में एसीबी को पांचों पूर्व मंत्रियों के खिलाफ जांच की स्वीकृति दी गयी थी। प्रारंभिक जांच में एसीबी ने इस बात का जिक्र किया था कि सभी पांचों पूर्व मंत्रियों की संपत्ति में अप्रत्याशित इजाफा हुआ है. इसी आधार पर एसीबी ने सभी के खिलाफ अलग-अलग पीई दर्ज किया था. सभी पीई की जांच की जिम्मेदारी पांच डीएसपी को सौंपी गई थी।


इस मामले में दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय और जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की डबल बेंच में सुनवाई हुई, जिसमें राज्य सरकार और एसीबी को चार सप्ताह के भीतर शपथ पत्र के जरिए जवाब दाखिल करने को कहा गया है।

एसीबी से जवाब में इस को स्पष्ट करने को कहा गया है कि अब तक क्या कार्रवाई हुई है और कार्रवाई किस दिशा में चल रही है। आपको बता दें कि साल 2020 में पंकज कुमार यादव ने पांच मंत्रियों की आय से अधिक संपत्ति को लेकर जनहित याचिका दायर की थी।

याचिका में कहा गया है कि 2014 के चुनाव के वक्त अमर बाउरी ने जो जानकारी दी थी, उसके मुताबिक उनकी संपत्ति 7.33 लाख थी, लेकिन 2019 में यह संपत्ति 89.41 लाख हो गयी। वहीं रणधीर सिंह ने 2014 में 88.92 लाख की संपत्ति बतायी थी, जो 2019 में 5.06 करोड़ हो गई।

उसी तरह से डॉ नीरा यादव ने 2014 में 80.59 लाख संपत्ति का ब्यौरा दिया था, जिनकी संपत्ति बढ़कर 2019 में 3.65 करोड़ हो गई।


उसी तरह से मंत्रीलुईस मरांडी के पास साल 2014 में 2.25 करोड़ की संपत्ति थी जो 2019 में 9.06 करोड़ और नीलकंठ सिंह मुंडा की 2014 की 1.46 करोड़ की संपत्ति 2019 में बढ़कर 4.35 करोड़ हो गई। याचिकाकर्ता ने 2014 से 2019 के बीच 100 से 1100 प्रतिशत संपत्ति में इजाफे पर सवाल उठाया था।

Aditya
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