झारखड: भाजपा के पंचप्रण के बाद NRC वाला दांव, चुनाव में भाजपा के NRC के ऐलान से क्या होगा फायदा

NRC In Jharkhand : चुनाव में लगता है इस बार भाजपा की प्लानिंग थोड़ी अलग है। भाजपा जिस तरह से नयी-नयी घोषणाएं कर रही है, उसे देखकर तो यही लगता है कि भाजपा ने चुनाव पूर्व पूरी प्लानिंग तैयार कर रखी है। फिर चाहे बात घोषणा पत्र की हो या फिर प्रत्याशियों के चयन की। पंचप्रण के ऐलान के बाद भाजपा ने NRC को लेकर बड़ा दांव खेल दिया है।

भाजपा ने ऐलान कर दिया है कि सरकार बनी तो झारखंड में NRC लागू होगा। जाहिर ये दांव संथापरगना के कई सीटों को काफी प्रभावित कर सकता है।

भाजपा के चुनाव प्रभारी व केंद्रीय शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि झारखंड में नागरिकता का रजिस्टर बनेगा। विदेशी घुसपैठियों को चुन-चुनकर बाहर निकाला जाएगा। झारखंड में भाजपा का विस्तृत संकल्प पत्र जल्द ही आने वाला है। यह चुनाव केवल मुख्यमंत्री बनाने या किसी पार्टी की सत्ता के लिए नहीं है, यह झारखंड को बचाने का चुनाव है। बेटी, माटी और रोटी इन तीनों की रक्षा करना हमारा संकल्प है।

बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण झारखंड की डेमोग्राफी परिवर्तित हो रही है। संथाल परगना में आदिवासी आबादी 44% से घटकर 28% रह गई है। बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण हिंदू आबादी भी प्रभावित हुई है। वोट बैंक की लालच में हेमंत सोरेन और गठबंधन की सरकार घुसपैठियों को संरक्षण दे रही है। घुसपैठियों के आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड बनाए जा रहे हैं यह देश के लिए बड़ा खतरा है। आदिवासी बेटियों को भ्रम के जाल में फंसाकर उनसे शादी कर जमीनों पर कब्जा किया जा रहा है।

National Register of Citizens Bill क्या है?

एनआरसी या नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन बिल का मकसद अवैध रूप से भारत में बसे घुसपैठियों को बाहर निकालना है। बता दें कि एनआरसी (NRC Bill In Hhindi) अभी केवल असम में ही पूरा हुआ है। जबकि देश के गृह मंत्री अमित शाह ये साफ कर चुके हैं कि एनआरसी को पूरे भारत में लागू किया जाएगा।


सरकार यह स्पष्ट कर चुकी है कि एनआरसी का भारत के किसी धर्म के नागरिकों से कोई लेना देना नहीं है इसका मकसद केवल भारत से अवैध घुसपैठियों को बाहर निकालना है।


1. एनआरसी का क्या मतलब है

नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन बिल (NRC Bill Meaning) एक रजिस्टर है जिसमें भारत में रह रहे सभी वैध नागरिकों का रिकॉर्ड रखा जाएगा। बता दें कि एनआरसी की शुरुआत 2013 में सुप्रीम कोर्ट की देख-रेख में असम में हुई थी। फिलहाल यह असम के अलावा किसी अन्य राज्य में लागू नहीं है।

2. एनआरसी में शामिल होने के लिए क्या जरूरी है

एनआरसी के तहत भारत का नागरिक साबित करने के लिए किसी व्यक्ति को यह साबित करना होगा कि उसके पूर्वज 24 मार्च 1971 से पहले भारत आ गए थे। बता दें कि अवैध बांग्लादेशियों को निकालने के लिए इसे पहले असम में लागू किया गया है। अगले संसद सत्र में इसे पूरे देश में लागू करने का बिल लाया जा सकता है। पूरे भारत में लागू करने के लिए इसके लिए अलग जरूरतें और मसौदा होगा।

3. एनआरसी के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत है

भारत का वैध नागरिक साबित होने के लिए एक व्यक्ति के पास रिफ्यूजी रजिस्ट्रेशन, आधार कार्ड, जन्म का सर्टिफिकेट, एलआईसी पॉलिसी, सिटिजनशिप सर्टिफिकेट, पासपोर्ट, सरकार के द्वारा जारी किया लाइसेंस या सर्टिफिकेट में से कोई एक होना चाहिए।

4. NRC में शामिल न होने वाले लोगों का क्या होगा?

अगर कोई व्यक्ति एनआरसी में शामिल नहीं होता है तो उसे डिटेंशन सेंटर में ले जाया जाएगा जैसा कि असम में किया गया है। इसके बाद सरकार उन देशों से संपर्क करेगी जहां के वो नागरिक हैं। अगर सरकार द्वारा उपलब्ध कराए साक्ष्यों को दूसरे देशों की सरकार मान लेती है तो ऐसे अवैध प्रवासियों को वापस उनके देश भेज दिया जाएगा।

Aditya
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