झारखंड बिग ब्रेकिंग: डीजीपी को तुरंत हटाने का चुनाव आयोग ने दिया निर्देश, चुनाव आयोग ने 7 बजे तक रिपोर्ट की तलब

रांची। झारखंड में आचार संहिता के बीच एक बड़ी खबर आ रही है। चुनाव आयोग ने झारखंड के डीजीपी को हटाने का आदेश दिया है। झारखंड सरकार को चुनाव आयोग ने सख्त निर्देश दिया है कि कार्यवाहक डीजीपी अनुराग गुप्ता को तुरंत हटाया जाये। चुनाव आयोग ने कहा है कि डीजीपी लेवल के किसी सीनियर IPS को तुरंत ही डीजीपी का चार्ज दिया जाये।

अनुराग गुप्ताय के ख‍िलाफ कई तरह की श‍िकायतें चुनाव आयोग को मिली थीं, उसे देखते हुए कार्रवाई की गई है। आयोग ने सीनियर DGP लेवल अधिकारी को जल्द नियुक्त करने का आदेश भी द‍िया है. साथ ही, राज्य सरकार से शाम 7 बजे तक कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की है।

बता दें कि झारखंड में दो चरणों में 13 नवंबर और 20 नवंबर को मतदान है. चुनाव को लेकर पहले चरण की नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गयी है.इस बीच चुनाव आयोग ने कार्यवाहक डीजीपी को तत्काल प्रभाव से हटाने का निर्देश दिया है. सूत्रों का कहना है कि डीजीपी अनुराग गुप्ता के खिलाफ पिछले चुनाव में काफी शिकायतें मिली थी।

जानिये कौन हैं आईपीएस अनुराग गुप्ता

वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्हें डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। अनुराग गुप्ता 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। अनुराग गुप्ता 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. वह राज्य पुलिस प्रमुख के रूप में 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी अजय कुमार सिंह की जगह लेंगे. अजय सिंह को 11 फरवरी 2023 को उनके पूर्ववर्ती नीरज सिन्हा की सेवानिवृत्ति के बाद राज्य का डीजीपी बनाया गया था. उन्हें अब झारखंड पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के रूप में तैनात किया गया है.

पिछले साल सिंह की नियुक्ति से राज्य में डीजीपी की नियुक्ति को लेकर जारी विवाद खत्म हो गया था, क्योंकि जनवरी 2023 में उच्चतम न्यायालय ने झारखंड सरकार और पूर्व डीजीपी नीरज सिन्हा के खिलाफ अवमानना याचिका का निपटारा कर दिया था.

पहले नियुक्ति पर हुआ था विवाद

याचिका में आरोप लगाया गया था कि सिन्हा 31 जनवरी 2022 को सेवानिवृत्त होने के बाद भी डीजीपी के पद पर बने हुए हैं. प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली शीर्ष अदालत की पीठ ने तब राज्य को संघ लोक सेवा आय़ोग (यूपीएससी) के मापदंडों पर ध्यान देने का निर्देश दिया था.

उच्चतम न्यायालय ने 14 जुलाई 2021 को अपने आदेश के कथित उल्लंघन को लेकर दायर अवमानना याचिका पर राज्य सरकार, इसके शीर्ष अधिकारियों और यूपीएससी को नोटिस जारी किया था. शीर्ष अदालत ने तीन सितंबर 2021 को राज्य पुलिस प्रमुख के लिए दो साल के निश्चित कार्यकाल के अपने फैसले के कथित उल्लंघन में एक अंतरिम डीजीपी की नियुक्ति में भूमिका के लिए राज्य सरकार और यूपीएससी की खिंचाई की थी. साथ ही डीजीपी का चयन यूपीएससी द्वारा तैयार सूची से करने का निर्देश था.

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