झारखंड ब्रेकिंग: झारखंड को 5892 करोड़, केंद्र सरकार की तरफ से कर हस्तांतरण के तहत मिली राशि, सबसे ज्यादा यूपी-बिहार को.. देखिये लिस्ट

Jharkhand News: झारखंड को केंद्र सरकार से 5892 करोड़ की राशि मिलेगी। केंद्र सरकार की तरफ से जारी की गयी राशि की जानकारी वित्त मंत्रालय की तरफ से दी गयी है। झारखंड को 5892 करोड़ की राशि मिलेगी, तो वहीं सबसे ज्यादा राशि उत्तर प्रदेश के 31962 करोड़ मिलेगी।

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वहीं बिहार को 17 हजार 921 करोड़, उसके बाद मध्यप्रदेश को 13987, पश्चिम बंगाल को 13404 करोड़, महाराष्ट्र को 11255 करोड़, राजस्थान को 10737 करोड़ दी जायेगी। वित्त विभाग की तरफ से दी गयी जानकारी के मुताबिक सरकार ने राज्य सरकारों को ₹1,78,173 करोड़ का कर हस्तांतरण जारी किया, जिसमें अक्टूबर, 2024 में देय नियमित किस्त के अलावा ₹89,086.50 करोड़ की एक अग्रिम किस्त भी शामिल है।

आगामी त्योहारी सीज़न को देखते हुए और राज्यों को पूंजीगत व्यय में तेजी लाने और उनके विकास/कल्याण संबंधी व्यय को वित्तपोषित करने में सक्षम बनाने के लिए अग्रिम किस्त जारी की गई।

हेमंत सोरेन ने केंद्र से मांगा था 1.36 लाख करोड़

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र के जरिए उन्होंने झारखंड में कार्यरत कोयला कंपनियों पर राज्य का बकाया 01 लाख 36 हजार करोड़ रुपये का भुगतान कराने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र की प्रतियां बुधवार काे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा करते हुए लिखा कि हमारी मांग सिर्फ न्याय की है, विशेषाधिकार की नहीं।

सीएम हेमंत सोरेन ने पत्र में कहा कि झारखंड के लोगों ने अपने राज्य के लिए लंबा संघर्ष किया है और अब हम चाहते हैं कि हमारे संसाधनों एवं अधिकारों का उचित उपयोग हो। उन्होंने कहा कि झारखंडियों का हक मांगो तो ये जेल डाल देते हैं लेकिन अपने हक के लिए हर कुर्बानी मंजूर है।

हेमंत सोरेन ने लेटर में बकाया राशि का भुगतान करने के लिए पीएम मोदी के सामने दो विकल्प रखे हैं। पहला जब तक बकाया राशि का भुगतान किस्तों में नहीं हो जाता तब तक कोल इंडिया और उसकी सहायक कंपनियों को ब्याज राशि का भुगतान करना शुरू किया जाये। दूसरा, भारतीय रिजर्व बैंक में कोल इंडिया के खाते में जमा राशि से झारखंड राज्य को सीधे डेबिट कराया जाये। जैसा कि झारखंड राज्य बिजली बोर्ड के साथ डीवीसी के बकाया मामले में किया गया था।

सीएम सोरेन ने अपने पत्र में लिखा है कि बकाया का भुगतान जल्द शुरू कराया जाये, ताकि झारखंड के लोगों को परेशानी न हो। साथ ही इस गरीब आदिवासी राज्य की बेहतरी के लिए राज्य सरकार सामाजिक और आर्थिक परियोजनाओं की संख्या और गति बढ़ा सके। यदि कोयला कंपनियों द्वारा राज्य के वैध बकाया का समय पर भुगतान कर दिया जाता है, तो झारखंड के लोग सामाजिक क्षेत्र की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। ऐसा होने पर गरीबी से लड़ने और राज्य के लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा करने में मदद मिलेगी।

हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में कार्यरत कोयला कंपनियों पर झारखंड का मार्च 2022 तक 1,36,042 करोड़ रुपये का बड़ा बकाया है। मार्च 2022 में भी मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को बकाया राशि कोल कंपनियों से दिलाने के लिए पत्र लिखा था।

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