झारखंड: बगावत का डर या फिर गठबंधन की किचकिच? कहां अटकी है झामुमो और कांग्रेस की लिस्ट, इंडी गठबंधन से जारी हुई लिस्ट...

Jharkhand Election: पहले चरण के चुनाव की अधिसूचना जारी हुए चार दिन हो गये हैं, लेकिन अभी तक झामुमो प्रत्याशियों की लिस्ट का अता पता नहीं है।


हालांकि गढ़वा विधानसभा से स्थानीय विधायक सह मंत्री मिथलेश ठाकुर ने जरूर जेएमएम प्रत्याशी के रूप में दो सेट में अपना नामांकन दाखिल कर दिया है, लेकिन बाकी जगह पर अभी भी सस्पेंस है।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक सीटिंग विधायकों के टिकट को लेकर झामुमो पसोपेश में है। झामुमो को बगावत की आशंका भी सता रही है, लिहाजा वो टिकट के ऐलान में काफी सतर्कता बरत रही है।

राजद से अभी तक बात नहीं पायी है। तो वहीं अन्य गठबंधन भी अपनी जिद पर अड़े हैं। चुनाव के पहले पार्टियों की आपसी खींचतान ही मुश्किल का सबब बना हुआ है।


गठबंधन के प्रमुख घटक दल कांग्रेस और झामुमो, वाम दलों को तीन से चार सीट देने को तैयार हैं। वैसे माले छह सीटें मांग रहा है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का 15 सीटों पर दावा है। लेकिन इंडिया गठबंधन माले को ही तीन से चार सीट देने पर सहमत है। वहीं कांग्रेस के लिए भी स्थिति माकुल नहीं है।

जानकारी के मुताबिक स्क्रीनिंग कमेटी और प्रदेश कांग्रेस की लिस्ट में कई जगहों पर एक राय नहीं दिख रही है। स्क्रीनिंग कमेटी ने जो कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर एक लिस्ट बनायी थी, वो प्रदेश अध्यक्ष व विधायक दल के नेता की लिस्ट से 10 से ज्यादा सीटों पर नाम नहीं मिल नहीं पा रही है। लिहाजा कई जगहों पर नये सिरे से सर्वे कराया गया है।

उसने राज्यभर का दौरा कर जमीनी हकीकत पता करके उम्मीदवारों के नामों की अपनी सूची तैयार की है। जबकि, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने भी राज्य का दौरा करके विधायक दल के नेता डॉ. रामेश्वर उरांव के साथ मिलकर अलग सूची बनाई है।


खासकर हटिया, रांची, सिमडेगा, धनबाद, बोकारो और बरही जैसे कई और विधानसभा में दोनों लिस्ट में अलग-अलग नाम हैं।

इधर जनसभा को संबोधित करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड के इतिहास में पहली बार यह चुनाव निश्चित समय सीमा से पहले कराया जा रहा है। चुनाव आयोग की विशेष शक्ति का ऐसा उपयोग चिंताजनक है।

उन्होंने कहा कि भाजपा की चुनावी रणनीति विकास नहीं बल्कि हिंदु, मुस्लिम, अगड़ा-पिछड़ा अर्थात जातिवाद है।सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले राज्य के विकास कार्यों में अड़चन डाली।

फिर उन्हें बेवजह जेल भेज दिया। भ्रष्ट नेता घुटने टेक कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं। उन्हें यह मालूम होना चाहिए कि हेमंत सोरेन शिबु सोरेन का बेटा है, भ्रष्ट नहीं है। झुकेगा नहीं।

Aditya
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