झारखंड: ...क्या चंपाई कैबिनेट की बैठक असंवैधानिक है? कैबिनेट को लेकर जानिये क्यों उठ रहे सवाल

रांची। ...क्या चंपाई कैबिनेट की बैठक असंवैधानिक है। अब कैबिनेट के फैसले पर संवैधानिकता का संकट बढ़ गया है। आज हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार में मंत्रियों के खाली पदों को लेकर सवाल उठने लगे हैं। पूर्व संसदीय कार्य मंत्री और जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय के मुताबिक मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के मंत्रिमंडल में मंत्रियों की संख्या घटकर 10 रह गई है, जो पूर्णत: असंवैधानिक है।

नियमानुसार मंत्रिमंडल में सदस्यों की संख्या विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या का 15 प्रतिशत होना चाहिए। इसके अनुसार, राज्य मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री को मिलाकर 12 सदस्य होना चाहिए। दरअसल चंपई सोरेन सरकार में मंत्री का एक पद पूर्व से ही खाली था। हाल ही में मंत्री आलमगीर आलम के त्यागपत्र से एक पद और खाली हो गया है। वहीं जोबा मांझी भी अब सांसद बन गयी है।

लिहाजा कैबिनेट को लेकर ऐसी स्थिति में राजभवन हस्तक्षेप कर सकता है। पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार में भी मंत्रियों की संख्या 11 थी। एक पद खाली रहने पर तत्कालीन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मु ने तत्कालीन संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय को बुलाकर इस संबंध में कहा था। उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को इसकी जानकारी दी थी।

सरयू राय के मुताबिक यह मामला न्यायालय में भी गया था। न्यायालय ने कहा था कि यह मामला राज्यपाल के अधीन आता है। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद उनके कैबिनेट में मंत्री रहे चंपई सोरेन मुख्यमंत्री बने। कैबिनेट विस्तार में भी पूर्व की तरह एक पद खाली रखा गया। हाल ही में ईडी की गिरफ्तारी के बाद आलमगीर आलम को इस्तीफा देना पड़ा।

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