झारखंड: लापता विमान का अब तक पता नहीं, कभी डैम में डूबने, कभी पहाड़ में क्रैश होने की सूचना पर रेस्क्यू जारी

जमशेदपुर। 50 घंटे बाद भी लापता विमान का पता नहीं चल पाया है। रेस्क्यू टीम जल, जंगल और जमीन पर विमान को तलाशने में जी जान से जुटी है, लेकिन 30 घंटे बाद भी लापता विमान का पता नहीं चल पाया है। वहीं पायलट और इंसट्रक्टर की भी कोई जानकारी नहीं मिल पायी है। आपको बता दें कि सोनारी एयरपोर्ट से मंगलवार सुबह 10.30 बजे उड़ा ट्रेनी विमान 50 मिनट बाद ही लापता हो गया। विमान का अंतिम लोकेशन चांडिल से पुरुलिया जिले के अयोध्या हिल की ओर पाया गया। ऐसे में पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला -खरसावां व पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में विमान की तलाश की जा रही है।

डैम में डूबने की जतायी जा रही आशंका





जानकारी के मुताबिक अलकेमिस्ट एविएशन लिमिटेड के ट्रेनी विमान को एक इंस्ट्रक्टर और जीत शत्रु आनंद एक ट्रेनी पायलट शुभ्रोदीप दत्ता उड़ा रहे थे। ना तो विमान और ना ही पायलटों का कुछ पता चल पा रहा है। जांच के दौरान पाया गया है कि ट्रेनी विमान का लास्ट लोकेशन चांडिल डैम मिला था, लिहाजा डैम में भी रेस्क्यू का काम चल रहा है। चर्चा ये भी आयी है कि कुछ लोगों ने जहाज को डैम में भी डूबते देखने की बात कही थी। लिहाजा गोताखोरों को भी विमान की तलाश में लगाया गया है।

उड़ान भरने के 50 मिनट बाद ही हुआ लापता

अल्केमिस्ट एविएशन का सेसना 172 का ट्रेनी विमान इंस्ट्रक्टर कैप्टन जीत शत्रु आनंद और ट्रेनिंग पायलट सुब्रदीप दत्ता लेकर उड़े। 11:20 बजे विमान का संपर्क एटीसी से टूट गया। इसके बाद विमान का कोई पता नहीं है। हालांकि मंगलवार को ही पटमदा के लोगों ने करीब 3 बजे आमदा पहाड़ के पास एक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की जानकारी दी। इसके बाद स्थानीय पुलिस ने जिला पुलिस कंट्रोल रूम को और स्थानीय प्रशासन ने टाटा स्टील से संपर्क किया। इसके बाद टाटा स्टील का हेलीकॉप्टर सर्च एंड रेस्क्यू के लिए सोनारी एयरपोर्ट से रवाना हुआ। टाटा स्टील के एविएशन ऑफिसर रवि राधाकृष्णन ने कहा कि विमान की खोजबीन हो रही है।

जानिये कौन हैं विमान के मालिक

झारखंड और पश्चिम बंगाल से राज्यसभा सांसद रहे हरियाणा के कारोबारी केडी सिंह ने 2010 में सोनारी एयरपोर्ट से अलकेमिस्ट एविएशन की शुरुआत की थी। केडी सिंह के पास कई विमान थे और वे इस क्षेत्र से जुड़े हुए थे।सोनारी एयरपोर्ट से कई साल तक केडी सिंह ने खुद एविएशन का संचालन किया। बाद में घाटा होने पर इसे बेच दिया। झारखंड के पूर्व सीएम शिबू सोरेन के पीएस (आप्त सचिव) रहे सोनारी के मनोहर पाल ने एविएशन को खरीदा था। मनोहर पाल की मृत्यु के बाद उनके बेटे मृणाल पाल एविएशन का काम संभाल रहे हैं। इस कंपनी के पास 5 विमान हैं, जिससे पायलट ट्रेनिंग दी जाती है। इसमें एक दो सीटर और चार विमान चार सीटर हैं।

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