झारखंड : कांग्रेस के आधे से ज्यादा विधायक डेंजर जोन में, पार्टी काट सकती है 7 से 8 विधायकों के टिकट, इंटर्नल सर्वे भी....

रांची। कांग्रेस इस बार अपने कई मौजूदा विधायकों के टिकट काटने की तैयारी है। माना जा रहा है कि आधा दर्जन से ज्यादा विधायकों के टिकट कट सकते हैं। दरअसल पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष बदलकर साफ संकेत दे दिया है कि इस बार का चुनाव कांग्रेस झारखंड में बहुत में बहुत अलग तरीके से लड़ने जा रही है।


आलाकमान के प्रतिनिधि के तौर पर विधायक दल की बैठक में शामिल प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने दो टूक नसीहत दे दी है, कि अगर जमीन स्तर पर मजबूत पकड़ नहीं दिखी, तो टिकट पर विचार करना पड़ जायेगा।

जानकारी ये भी है कि कांग्रेस पार्टी की तरफ से अंदरुनी सर्वे का काम भी शुरू हो गया है। सर्वे रिपोर्ट और प्रत्याशियों की दावेदारी का आकलन किया जायेगा और फिर टिकट पर विचार किया जायेगा। जो अदंरखाने की खबर है उसके मुताबिक कांग्रेस के कई विधायकों की इंटर्नल सर्वे रिपोर्ट अच्छी नहीं है।

जमीन स्तर पर काम नहीं करने, कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करने और संगठन में निष्क्रियता जैसी कई शिकायतें विधायकों के खिलाफ जा रही है। लिहाजा आधा दर्जन से ज्यादा विधायकों की टिकट खतरे में है।

रांची में कांग्रेस विधायकों के इस बात के संकेत दिए कि अब जिलों में अलग-अलग कमेटी का गठन कर रिपोर्ट मांगी जाएगी एवं उनकी अंदरूनी रिपोर्ट विधायक के पक्ष में रही तो ही टिकट मिलेगा। माना जा रहा है कि चुनाव के पूर्व विधायकों के पास यह आखिरी मौका है। कांग्रेस के 17 विधायक पहले से थे और भाजपा के मांडू विधायक के पार्टी में शामिल होने के साथ इनकी संख्या 18 है।

जानकारी के मुताबिक इन 18 सीटों में से आठ सीटों पर कांग्रेस अथवा कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों को प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार से कम वोट मिले हैं। इनमें खास तौर पर जरमुंडी सीट की चर्चा हो रही है, जहां कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार को भाजपा से कम वोट मिले। यही कारण रहा कि जरमुंडी विधायक बादल पत्रलेख को अपना मंत्री पद गंवाना पड़ा।


झारखंड विधानसभा मंं कांग्रेस के 17 विधायक हैं। इनमें आठ विधायकों के टिकट पर खतरा मंडरा रहा है। ये वो विधायक हैं जिनके क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पिछड़ गई थी। लिहाजा कई विधायकों की दिल की धड़कने बढ़ गयी है।

Aditya
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