झारखंड: ये तेरा वादा.. ये मेरा वादा... भाजपा दिला रही 5 साल की याद, तो हेमंत सोरेन ने गिनाया 11 साल का आंकड़ा

Jharkhand News: यूं तो राजनीति में ना तो वादों का कोई मोल होता है ...और ना ही वादाखिलाफी का कोई मलाल। राजनेता अपने-अपने वक्त के हिसाब से वादा करते हैं और फिर वादाखिलाफी भी कर लेते हैं। झारखंड में चुनाव करीब है, लिहाजा राजनेता एक दूसरे को उनका वादा याद दिला रहे हैं और वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे हैं। झामुमो ने जहां केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है, तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा झारखंड में हेमंत सरकार को पांच साल पुराना वादा याद दिला रही है।

हेमंत सोरेन पर वादाखिलाफी का आरोप

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर वादाखिलाफी का गंभीर आरोप लगाया है। बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि छात्रों के भविष्य को अंधेरे में रखकर अपने महल में उजाला करने वाले हेमंत सोरेन के अन्याय, अत्याचार और बोले गए झूठ से पाप का घड़ा भर चुका है। पिछले 5 साल में झूठ बोलकर, युवाओं को ठगने वाले मुख्यमंत्री, प्रदेश को युवाओं को जवाब देना होगा। उनके भविष्य से खेलकर पैसा बनाने की नियत का हिसाब देना होगा।

मरांडी ने कहा है कि चंद रुपयों के लिए छात्रों के सपनों और उम्मीदों के साथ समझौता करके सिर्फ झूठ बोलकर सत्ता चलाने की मंशा लिए हेमंत सोरेन जी आपने पिछले 5 साल में क्या किया- सिर्फ वादे वादे और बस झूठे वादे, कि सरकार बनी तो एक साल में 5 लाख नौकरी, नहीं तो राजनीति से सन्यास ले लेंगे। नौकरी नहीं मिलने तक स्नातक बेरोजगार को 5000 रूपये एवं स्नातकोत्तर को 7000 रूपये बेरोजगारी भत्ता देंगे। एक साल में 4 जेपीएससी परीक्षा कराने का वादा किया था।

प्रति वर्ष जेपीएससी और जेएसएससी की परीक्षा होगी और उसी साल रिजल्ट जारी किया जाएगा। जो वादा किया उसमें से एक भी निभाया नहीं। आखिर आपके वादों का क्या हुआ, कहां गई आपकी इच्छाशक्ति, कहां गया आपका दृढ़ संकल्प, सिर्फ वोट लेने के लिए जनता को गुमराह करने वाले हेमंत सोरेन जी जवाब तो देना होगा, छात्रों के भविष्य का हिसाब तो देना होगा।

हेमंत सोरेन ने भी केंद्र सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

हेमंत सोरेन ने Global Hunger Index 2024 की लिस्ट में भारत 127 देशों में 105वें नंबर पर आने पर कटाक्ष करते हुए मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाये। हेमंत सोरेन ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार के पिछले 11 सालों में किए गए बाकी सब वादें भले जुमले/सफेद झूठ साबित हुए हो पर इस मुद्दे पर उन्हें जरूर साफ़गोई के साथ कार्य करना चाहिए था - क्योंकि यह देश के भविष्य का मुद्दा है।

पर अफ़सोस है की इस गंभीर मुद्दे पर भी वे हमेशा की तरह सिर्फ़ राजनीति और जुमलेबाज़ी में ही व्यस्त रहें है। और मुझे पूरी उम्मीद है की वे हमेशा की तरह इस रिपोर्ट को एक गहरी साज़िश बता - मणिपुर की तरह भूल जाएँगे।

Aditya
Aditya  
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