झारखंड को मिलेंगे 1.36 लाख करोड़: सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से मालामाल होगा झारखंड, हेमंत सोरेन बोले, पूरी हुई मांग

रांची। सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से झारखंड का खजाना भरने वाला है।सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को झारखंड का बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपए देने का आदेश दिया है. यह पैसा झारखंड को खनिज रॉयल्टी के बकाए के तौर पर मिलेगा। कोर्ट के इस फैसले पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुशी जतायी है। मुख्यमंत्री ने 14 अगस्त, 2024 दिन बुधवार को खनिज रॉयल्टी से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ऐतिहासिक और राज्य के लिए एक बड़ी जीत करार दिया।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली नौ सदस्यीय संविधान पीठ ने खनिज संपन्न राज्यों को बड़ी राहत दी है. संविधान पीठ ने राज्यों को खनिजों और खनिज-युक्त भूमि पर केंद्र सरकार से बकाया रॉयल्टी और टैक्स लेने की अनुमति दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे राज्य का केंद्र से 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया प्राप्त करने का रास्ता साफ होगा। सुप्रीम कोर्ट ने खनिज संपन्न राज्यों को बड़ी राहत देते हुए खनिजों और खनिज-युक्त भूमि पर केंद्र सरकार से 12 वर्ष में क्रमबद्ध तरीके से रॉयल्टी और कर पर एक अप्रैल 2005 से बकाया लेने की बुधवार को अनुमति दे दी। कोर्ट ने आदेश में कहा कि राज्य एक अप्रैल 2005 की तारीख से केंद्र के पास बकाया राशि 12 वर्ष में क्रमबद्ध तरीके से प्राप्त कर सकेंगे. इससे पहले 25 जुलाई को संविधान पीठ ने 8-1 के बहुमत से दिए अपने फैसले में खदानों तथा खनिज-युक्त भूमि पर कर लगाने का विधायी अधिकार राज्यों को दिया था.

झारखंड को केंद्र से अपने बकाये के 1 लाख 36 हज़ार करोड़ रुपये मिलेंगे। उन्होंने कहा कि खनिज रॉयल्टी का बकाया 2005 से दिया जाएगा। सीएम हेमंत सोरेन ने लिखा कि यह भुगतान 12 वर्षों में चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा. इस पैसे का उपयोग जन कल्याण के लिए किया जाएगा और झारखंड के हर निवासी को इसका पूरा लाभ मिलेगा।

वहीं झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी इस फैसले को ऐतिहासिक बताया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘2005 से झारखंड का बकाया 1 लाख 36 हज़ार करोड़ रुपये देने का निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया है। आज इस ऐतिहासिक फैसला को सुनाने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट का राज्य की जनता के तरफ से आभार और धन्यवाद! यह पैसा झारखंड को खनिज रॉयल्टी के बकाये के तौर पर मिलेगा जिससे राज्य के विकास में नये आयाम लिखे जायेंगे और झारखंड विकास की ओर अग्रसर होगा! जय संविधान! जय झारखंड!'

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