कल्पना या हेमंत सोरेन ? आज की बैठक को लेकर सियासी हलचल तेज, हो सकता है बड़ा फैसला

रांची। झारखंड की राजनीति के लिए आज का दिन काफी महत्वपूर्ण हो सकता है। आज हेमंत सोरेन ने बड़ी बैठक बुलायी है। चर्चा है कि इस बैठक में नयी सियासी रणनीति तैयार होगी। वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों में गठबंधन की साझा बैठक बुलाए जाने से विधायकों में हलचल बढ़ गई है। आपको बता दें कि जब हेमंत सोरेन को इस्तीफा देना था, तो उस दौरान भी इसी तरह बैठक बुलायी गयी थी। लिहाजा आज की बैठक में भी कुछ ना कुछ बड़ा होने वाला है।

इधर, विधायकों को कहा गया है कि पांच माह बाद हेमंत सोरेन रिहा हुए हैं। वे गठबंधन के विधायकों के साथ मुलाकात कर राजनीतिक परिस्थितियों पर विचार-विमर्श करना चाहते हैं। बैठक में राज्य में नवंबर-दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति पर विचार-विमर्श होगा। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को भी सूचना देकर कांग्रेस (Congress) के सभी विधायकों को बैठक में उपस्थिति सुनिश्चित कराने को कहा गया है। जानकारी के मुताबिक बुधवार को 15 सौ पीजीटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र का वितरण करना था. जिसे अभी अब स्थगित कर दिया गया है। चर्चा है कहीं चंपाई इस्तीफा तो नहीं देने वाले हैं।

खबर तो ये चल रही है कि कल कल्पना सोरेन के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता भी साफ हो जायेगा। जबकि संगठन की कमान खुद हेमंत सोरेन अपने हाथों में ले सकते हैं। वैसे देखा जाये, तो इस बात की गुजाईश दिख भी रही है, क्योंकि हेमंत सोरेन को पता है कि हाईकोर्ट से मिली जमानत के बाद ईडी चुप बैठने वाली नहीं है। वो इस मामले में आज ना कल सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटायेगी।

जाहिर है, ऐसे में हेमंत सोरेन के लिए आने वाले दिनों मुश्किलें बढ़ सकती है। ऐसे में हेमंत का मुख्यमंत्री बनने के बाद फिर से इस्तीफा देना या फिर जेल से सरकार चलाना, दोनों ही झामुमो के लिए चुनावी वक्त में किरकिरी करा सकता है। लिहाजा आज की बैठक में इस मुद्दे पर स्थिति साफ हो जायेगी, कि चंपाई सोरेन क्या मुख्यमंत्री बने रहेंगे? या फिर कल्पना सोरेन या हेमंत सोरेन में से कोई एक सत्ता की बागडोर संभालेगा।

इधर, इस बैठक को लेकर सियासी गलियारों को हलचल तेज हो गई है। सूत्रों की मानें तो इस बैठक में हेमंत कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। जेल से रिहाई के बाद गठबंधन के विधायक और वरिष्ठ नेता हेमंत सोरेन से लगातार औपचारिक मुलाकात कर रहे हैं, लेकिन आधिकारिक तौर पर सभी विधायकों की बैठक बुलाने से राजनीतिक गलियारे में एकाएक सुगबुगाहट तेज हो गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक में कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। सत्तापक्ष के सभी विधायकों को बैठक में उपस्थित रहने को कहा गया है।

बैठकों में राज्य में नवंबर-दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति पर विचार-विमर्श होगा। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को भी सूचना देकर कांग्रेस (Congress) के सभी विधायकों को बैठक में उपस्थिति सुनिश्चित कराने को कहा गया है।

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