कल्पना बनेगी मंत्री! : हेमंत मुख्यमंत्री तो, कल्पना सोरेन को क्यों मंत्री बनाना चाहती है पार्टी, सत्ता या संगठन? किसमें है कल्पना फिट

रांची: हेमंत सोरेन की कैबिनेट में किसे मिलेगी जगह? कौन होगा इन? और कौन होगा आउट? सवाल और सस्पेंस के बीच सबसे ज्यादा निगाहें किसी एक नाम पर टिकी है, तो वो है कल्पना सोरेन। हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने के बाद कल्पना सोरेन की झारखंड की राजनीति में क्या भूमिका होगी, ये बस कुछ घंटे में साफ हो जायेगा। क्या वो सत्ता में भागीदार बनेगी? या फिर संगठन में बड़ी जिम्मेदारी संभालेंगी। सियासत के जानकारों की इसमें बंटी हुई राय है।

कई जानकार उनकी भूमिका सत्ता में देख रहे हैं, तो वहीं लोकसभा चुनाव में मिली कामयाबी के बाद कई उन्हें भावी अध्यक्ष के तौर पर भी देखने लगे हैं। जानकारों की मानें तो हेमंत सोरेन पर खतरा टला नहीं है, ऐसे में कभी भी ये नौबत आ सकती है, कि हेमंत सोरेन को जेल जाना पड़ जाये। लिहाजा सत्ता की बारीकियों को समझाने के लिए हेमंत सोरेन उन्हें मंत्री पद की जिम्मेदारी दे सकते हैं, ताकि संगठन के साथ-साथ सत्ता का नेतृत्व करना भी वो सीख सकें। JMM प्रवक्ता ने भी इस बात से इंकार नहीं किया है कि मंत्रिमंडलम झामुमो की तरफ से कोई नया चेहरा नहीं हो सकता है।

दूसरी तरफ संगठन में भी कल्पना की डिमांड है। उनकी लोकप्रियता बढ़ी है। उनकी भाषण शैली और आक्रामक अंदाज को लोकसभा चुनाव के दौरान काफी पसंद किया गया। कल्पना ने जिस अंदाज में मुश्किल परिस्थिति में पार्टी को संभाला, उससे कोई शक नहीं कि विधानसभा चुनाव में भी पार्टी में बड़ी भूमिका दी जाये। लिहाजा कल्पना सोरेन के लिए संगठन में जगह ज्यादा मुफीद दिख रही है।

हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन जिस तरह से झारखंड की राजनीति में एक्टिव हुई हैं, उसके मुताबिक आने वाले दिनों उन्हें निश्चित तौर पर उन्हें कोई बड़ी ज़िम्मेदारी दी जा सकती है। हालांकि कल्पना पर आखिरी फैसला सोरेन परिवार ही करेगा, मतलब गुरुजी और हेमंत सोरेन ही फैसला लेंगे। हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल में सीएम को छोड़कर 6-4-1 के फॉर्मूले के तहत कैबिनेट का विस्तार होगा।

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