मिड डे मिल में चूड़ा -मूढ़ी खिलाने के मामले पर पदाधिकारी मौन, हाथापाई करने वाले शिक्षकों पर दर्ज कराया मुकदमा

गोड्डा। जिले के स्कूल में बच्चों को मिड डे मिल में10 दिन से चूड़ा मूढ़ी खिलाने वाले शिक्षक पर अब तक विभाग के पदाधिकारी द्वारा कोई संज्ञान नही लिया गया है। जबकि विद्यालय के शिक्षक पर ग्रामीणों की शिकायत पर न्यूज कवर करने गए निजी चैनल के पत्रकार पर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए हाथापाई और माइक मोबाइल तोड़ने का भी आरोप है। आरोप ये भी है की इसकी शिकायत विभाग के वरीय अधिकारी तक पहुंचने के वावजूद अधिकारी चुप्पी साधे है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है की राज्य में गरीब बच्चों को मिलने वाले पोष्टिक भोजन के बदले चूड़ा मूढ़ी खिलाने का गोरखधंधा विभाग की मिलीभगत तो नही?



पत्रकार ने शिक्षक पर कराया मामला दर्ज

स्थानीय पत्रकार अब्दुल बारीक सिद्दीकी के द्वारा थाने में आरोपी शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज कराया।स्थानीय थाना प्रभारी के द्वारा केश दर्ज कर उचित कार्यवायी का आश्वासन दिया है। शिकायत पत्र में विद्यालय प्रभारी नसीम अख्तर एवं सहायक शिक्षक सुरेंद्र हसदा को मुख्य आरोपी बनाया गया है।

क्या है मामला

जिला के महागामा प्रखंड क्षेत्र के सिमरकिता घाट भंडारीडीह पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय मांगन पिपरा में विगत पिछले 10-12 दिनों से विद्यालय में मध्यान भोजन नहीं दिया जा रहा था। मध्यान भोजन के नाम पर इस भीषण गर्मी में चूड़ा मूढ़ी दिया जा रहा था। ऐसे में विद्यालय में अध्यनरत छात्र-छात्राओं सहित स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश था।



ग्रामीणों के द्वारा उपलब्ध सूचना के आधार पर रिपोर्टिंग करने गए दो प्रेस रिपोर्टर के साथ विधालय प्रभारी नसीम अख्तर के सह पर सहायक शिक्षक सुरेंद्र हासदा ने हाथापाई की एवं उनके मोबाइल और माइक को तोड़ने का प्रयास किया। मामले की गंभीरता देख घटना स्थल से बच-बचाकर पत्रकार भागे थे।मामले की जानकारी देने के बाद भी संबंधित विभागीय वरीय पदाधिकारी पूरे मामले पर चुप्पी साधे है।

यहां के स्थानीय ग्रामीण एवं विद्यालय में अध्यनरत छात्र-छात्राओं ने विद्यालय प्रभारी नसीम अख्तर पर आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज की है, कि उनके द्वारा विगत 10 से 12 दिनो से छात्र-छात्राओं को मध्यान भोजन के नाम पर मूढ़ी खिलाया जा रहा है।

क्या कहना है शिक्षक का

स्कूल के शिक्षक का कहना है विद्यालय परिसर में अवस्थित पिछले 5 से 7 रोज से चापानल खराब होने के कारण पानी की अनुपलब्धता के कारण मध्यान भोजन विद्यालय में नहीं बनाया जा रहा है, इस कारण से छात्र-छात्राओं को मध्यान भोजन में मुढ़ी खिलाया जा रहा है।

विधालय प्रभारी नसीम अख्तर ने यह भी कहा कि मैं जल्द ही इस समस्या का निवारण कर के फिर विद्यालय में जल्द ही मध्यान भोजन सुचारू रूप से प्रारंभ करवा दूंगा। ग्रामीणों ने ये भी कहा की स्कूल परिसर से महज10 कदम की दूरी पर 2- 2 हैंडपंप चालू हालत में है उसके वावजूद बच्चों ले चूड़ा मूढ़ी खिलाकर बच्चो के सेहत के साथ खिलवाड़ किया गया।



वरीय पदाधिकारी के चुप्पी का मतलब कहीं..

मामला उजागर होने के वावजूद संबंधित विभाग के पदाधिकारी का चुप्पी साधे रहना दर्शाता है की मध्यान भोजन में दी जाने वाली चूड़ा मूढ़ी की जानकारी कहीं पहले से ही तो वरीय पदाधिकारी को नहीं थी? या फिर किनके दिशा निर्देश पर बच्चों के निवाला पर डाका डाला जा रहा था?

सवाल ये भी है की भीषण गर्मी में विद्यालय का चापानल खराब होने से अध्यनरत मासूम छात्र-छात्राये पीने के पानी के लिए कहां जाते होंगे। संविधान का चौथा स्तंभ माने जाने मीडियाकर्मी के साथ हाथापाई करने की प्रवृत्ति शिक्षक स्वभाव के बिल्कुल विपरीत है।क्योंकि मध्यान भोजन बनाने में हो रही परेशानी के उजागर करना मिडिया का मकसद था ताकि तत्काल वरीय पदाधिकारी का संज्ञान इस ओर दिलाया जा सके।


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