मिड डे मिल में मास्टर साहब बांटते हैं चूड़ा - मूढ़ी, हैरान कर देगी शिक्षक की मनमानी

गोड्डा: सरकार समाज को शिक्षित करने की दिशा में गरीब लाचार बच्चे को भोजन के साथ शिक्षा दे रही है। ताकि भोजन के अभाव में बच्चे को काम पर भेजने वाले माता पिता बच्चे को स्कूल भेज सके और बच्चे शिक्षा ग्रहण कर सके। इसके लिए सरकार ने मध्यान भोजन कार्यक्रम के तहत हर दिन के लिए अलग अलग मेन्यू के हिसाब से भोजन देने का प्रावधान किया गया है। ताकि बच्चे पोष्टिक भोजन के साथ शिक्षा ग्रहण कर सके।

आए दिन मध्यान भोजन में गड़बड़ी की शिकायत तो मिलती हीं रहती है। परंतु इस बार मामला कुछ अलग हीं है। स्कूल के प्रधानाध्यापक मध्यान भोजन में न सिर्फ अपनी मनमानी दिखाई बल्कि सरकारी आदेश की अवहेलना कर इस भीषण गर्मी में बच्चों के सेहत के साथ खिलवाड़ किया। मेन्यू के अनुसार दिए जाने वाले भोजन को तो छोड़िए मास्टर साहब ने मध्यान भोजन के नाम पर पिछले 10 दिनों से चूड़ा मुड़ी बच्चों को दे रहे है।





क्या है मामला


मामला महागामा प्रखंड क्षेत्र के सिमराकित्ता घाट भंडारीडीह पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय मांगन पिपरा का है। स्कूली बच्चों के माता पिता ने प्रधानाध्यापक पर पिछले 10 दिनों से मिड डे मिल के नाम पर चूड़ा मुड़ी बांटने का आरोप लगाया।वही ग्रामीण महेश पासवान ने बताया कि प्रधानाध्यापक नसीम अख्तर अपने मनमाने ढंग से मध्याह्न भोजन देते। विद्यालय के सरकारी मेन्यू का कोई ख्याल नहीं रखा जाता है।

वहीं स्कूली बच्चे आयुष कुमार,अब्दुल गफ्फार के साथ-साथ दर्जनों बच्चों ने बताया कि पिछले दस दिनों से स्कूल में चूल्हा जला ही नहीं है और दाल,चावल, सब्जी के जगह मध्याह्न भोजन में चूड़ा और मुढ़ी दिया जा रहा है।खबर की जानकारी लेते समय भी बच्चों के थाली में मुड़ी और चूड़ा देखा गया।इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है की सरकारी आदेश की अवहेलना किस कदर की जा रही है।





मनमानी पर उठे कई सवाल

सवाल अपने आप में अहम है की आखिर प्रधानाध्यापक किसके आदेश पर इन मासूम गरीब बच्चें के निवाला गायब कर रहे है। आखिर कब तक इन गरीब, शोषित,वंचित बच्चों के साथ सरकारी योजना का लाभ नहीं पहुंच पाएगा। क्या गरीब बच्चों को सरकार के तरफ से मिलने वाले मध्यान भोजन में चावल,दाल,सब्जी खाने का अधिकार नहीं हैं?

आरोप ये भी है की इन सभी मामले की जानकारी लेने पहुंचे पत्रकार के पहुंचने पर उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया। साथ ही अपने सहयोगी शिक्षक की मदद से कैमरे और फोन छीनने का प्रयास किया गया। मंशा साफ है की ये कारनामा विद्यालय के सभी शिक्षक के मिलीभगत का नतीजा है।तभी तो बच्चों के निवाला को सबकी मिलीभगत से गटका जा रहा है।

क्या कहते है प्रधानाध्यापक


मामले की जानकारी होने पर जब HPBL न्यूज की टीम ने प्रधानाध्यापक नसीम अख्तर से संपर्क किया तो उन्होंने बताया की स्कूल का हैंडपंप खराब हो गया है,जिस वजह से सोमवार 24 जून से बच्चों को चूड़ा मूढ़ी दिया जा रहा है। चापानल मरम्मती कराया गया था फिर से खराब हो गया, फिर क्लास लेने का हवाला देकर फोन को डिस्कनेक्ट कर दिया गया।





ग्रामीणों ने बताया की

ग्रामीण ने बताया की प्रधानाध्यापक ने पिछले 10 दिन से बहाना बना रहे है। स्कूल का हैंडपंप खराब है तो स्कूल से महज 10 कदम की दूरी पर 2- 2 हैंडपंप चालू है यदि शिक्षक की मंशा सही रहती तो बच्चों का भोजन बनाया जा सकता था।परंतु मामला मिड डे मिल के साथ गड़बड़ी का है।

इन आरोपों के बाद सवाल कई है, की क्या पिछले 10 दिनों से स्कूल के हैंडपंप खराब होने से उसपर त्वरित संज्ञान क्यों नहीं लिया गया। खाना तो छोड़िए इस भीषण गर्मी में बच्चे पानी कैसे पी रहे है? आखिर इसकी जानकारी अपने वरीय पदाधिकारी को क्यों नही दी गई? किसके आदेश पर चूड़ा मूढ़ी बांटा जा रहा है? स्कूल प्रबंधन इस मामले पर क्या कर रहा था, यदि मिड डे मिल बनाने में दिक्कत थी तो चूड़ा मूढ़ी के बजाय क्यों नहीं दूसरे पोष्टिक भोजन दिया गया। HPBL न्यूज के साथ बात करने के समय कक्षा लेने का हवाला दिया गया परंतु मिड डे मिल में अपनी जिम्मेवारी शिक्षक और प्रधानाध्यापक क्यों नही समझ पाए।

वहीं अब ग्रामीण माजिद काजी,महेश पासवान, कलीम आलम ,अजीत मोदी, गणेश पासवान,सुरेश शाह,राशिद आलम के साथ साथ सैकड़ो ग्रामीण ने जिला शिक्षा पदाधिकारी व उपायुक्त से मामले का जांच कर उचित करवाई का मांग की। मामला उजागर होने के बाद अब वरीय पदाधिकारी इस पर क्या संज्ञान लेंगे ये देखने वाली बात होगी?

HPBL
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