"पारा शिक्षक आंदोलन को तैयार है...सरकारी नौकरियां बेची जा रही है" विधानसभा में भाजपा का हेमंत सरकार पर बड़ा हमला

Hemant Soren Floor Test: हेमंत सोरेन ने सदन में विश्वास मत हासिल कर लिया है। समर्थन में 45 वोट पड़े, जबकि विपक्ष की तरफ से 0 वोट पड़े। वोटिंग के पहले सदन में जोरदार बहस हुई। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक के बीच कार्रवाई चलती रही। कई बार विधानसभा अध्यक्ष को विधायकों के आचरण को लेकर हस्तक्षेप करना पड़ा। कई बार समझाने के बाद भी विधायक शांत होने को तैयार नहीं हुए। संबोधन के दौरान नारेबाजी और छिंटाकशी चलती रही।

विश्वास मत को लेकर चर्चा की शुरुआत नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने की। अमर बाउरी ने संबोधन से पहले सत्ता पक्ष से कुछ मुद्दों पर जवाब जानना चाहा, लेकिन अध्यक्ष ने ये कहकर संबोधन की शुरुआत करने को कहा, कि बाद में उन्हें मौका मिलेगा। अमर बाउरी ने सरकार पर संगीन आरोप लगाये। संताल परगना में बदलते डेमोग्राफी के साथ साथ प्रश्न पत्र लीक का मुद्दा भी उन्होंने उठाया। अमर बाउरी ने कहा कि आदिवासियों की संख्या लगातार घट रही है। अगर आदिवासी ही नहीं बचेंगे, तो किस आदिवासियत की हम बात करेंगे।

सिदो-कान्हू की धरती भोगनाडीह में अब सिर्फ 7 आदिवासी परिवार बचे हैं, यहीं पर हूल क्रांति के लिए उन्होंने 50 हजार से अधिक आदिवासियों को एकजुट किया था और अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन किया था। भाजपा नेता अमर बाउरी ने कहा कि सरकार बार-बार कह रही है कि वह लोगों को पेंशन दे रही है, लेकिन, सच यह है कि पिछले 4 महीने से बुजुर्गों को पेंशन नहीं मिली। उन्होंने कहा कि ग्रीन कार्ड धारकों को 11 महीने से राशन नहीं मिला है।

परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक हुए हैं, कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। कई राज्यों में ब्लैकलिस्टेड हो चुकी कंपनी को परीक्षा कराने की जिम्मेदारी दे दी। उन्होंने आरोप लगाया कि चूंकि जांच की आंच सरकार तक पहुंच रही थी, जांच को ही ठंडे बस्ते में डाल दिया। अमर बाउरी ने सरकारी नौकरियों को बेचने का सरकार पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पारा शिक्षक सड़क पर आंदोलन के लिए तैयार हैं।

वहीं, चंपाई सोरेन ने कहा कि वो 5 महीने तक मुख्यमंत्री रहे. उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद लोकसभा के चुनाव आ गए. इसमें 3 महीने बीत गए। उन्होंने कहा कि झारखंड में अब तक सभी दलों ने बारी-बारी से शासन किया, लेकिन, आदिवासियों के हालात नहीं बदले, इसलिए एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की बजाय अपने राज्य और यहां के लोगों के हित में मिलकर सकारात्मक सोच के साथ काम करें।

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