"पारा शिक्षक नहीं किए जाएंगे स्थाई", हेमंत सरकार का जवाब सुन राज्य भर के पारा शिक्षकों का फूटा गुस्सा , कह दी ये बड़ी बात

रांची। मानसून सत्र के दौरान सरकार का जवाब सुन कर राज्य भर के पारा शिक्षक गुस्से में हैं। हेमंत सरकार के अंतिम मानसून सत्र में पारा शिक्षकों को काफी उम्मीद थी की उनके स्थाईकरण की दिशा में सरकार कोई कदम उठाएगी परंतु विभाग ने साफ तौर पर स्थाईकरण से मना कर दिया है। मालूम हो की विभागीय मंत्री के साथ 5 अगस्त को पारा शिक्षक के प्रतिनिधिमंडल के साथ वार्ता होनी है। आशंका जताई जा रही है की वार्ता संतोषजनक नहीं होने पर पारा शिक्षक उग्र आंदोलन करेंगे।

पारा शिक्षक का पारा क्यों चढ़ा

पारा शिक्षकों और सरकारों के बीच आंदोलन और समझौता का खेल पिछले 24 वर्षो से जारी है। अलग अलग सरकारें पारा शिक्षकों के आंदोलन के बाद कुछ ले देकर आंदोलन को शांत कराती आई है। परंतु अब शिक्षा विभाग ने दो टूक शब्दों में पारा शिक्षकों को स्थाई करने से मना किया है। वो भी सरकार के माने जाने वाले कद्दावर विधायक समीर मोहंती द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में विभाग ने साफ शब्दों में पारा शिक्षकों के स्थाई नहीं करने का जवाब दिया है। इससे अब पारा शिक्षकों में उबाल आ गया है।

क्या कहते है पारा शिक्षक के नेता

एकीकृत पारा संघर्ष मोर्चा के केंद्रीय सदस्य दीपक कु बेहरा ने कहा की अधिकारी शुरू से पारा शिक्षक विरोधी रहे है। अधिकारी हर संचिका को गोल गोल घुमा देते हैं। सरकारों के लिए भी पारा एक चुनावी मुद्दा मात्र बनकर रह गया है। बारी बारी से सभी सरकारों ने पारा शिक्षक की भावना के साथ खिलवाड़ किया है। ये सरकारें पारा शिक्षकों को फुटबॉल बना दिए है।

मालूम हो की हेमंत सरकार ने चुनावी घोषणा में स्थाईकरण की बात कही थी। हेमंत सरकार बनने के बाद कई प्रक्रिया अपनाने के वावजूद स्थाईकरण नहीं किया गया, जिससे राज्य भर में उबाल है। पारा शिक्षक के नेता कहते है की अब बहुत ही गया। इस बार सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे। पारा शिक्षक सरकार बनवाना जानती है तो सरकार को धूल चटाना भी जानती है।

शंकर गुप्ता ने कहा की हर बार घिसा पिटा जवाब न्यायालय के फैसले का हवाला तो कभी आरक्षण रोस्टर का मुद्दा बताती है परंतु दोनो मुद्दे में कोई दम नहीं रखते। आरक्षण रोस्टर का अनुपालन हुआ है। फिरभी सरकार को शक है तो पोस्ट क्रिएट कर आरक्षण रोस्टर के अनुसार जिला स्तर पर पारा शिक्षकों को पदस्थापित करे।

समान काम ,समान वेतन लागू करे सरकार

सरकार सुप्रीम कोर्ट का फैसला के अनुसार समान काम समान वेतनमान को क्यों लागू नहीं करती है। महाधिवक्ता ने साफ शब्दों में पारा को स्थाई करने पर सकारात्मक उत्तर देते हुए पारा हित में वकालत की है। सरकार विनाश काले विपरित बुद्धि की कहावत को चरितार्थ कर रही है। अब पारा का लावा उबाल मार रहा है। पारा ज्वाला अब ज्योति बनने जा रही है। आंदोलन का शोले उठने वाला है। सरकार की ईंट से ईंट बजा दी जाएगी।

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