बालू पर सियासी बवाल: बाबूलाल मरांडी ने फ्री बालू देने का लिया श्रेय, बोले...हमने फ्री किया था, सोरेन सरकार ने इसे मुंबईयां ठेकेदार...

Jharkhand Poltics: झारखंड में चुनाव है, लिहाजा राजनेता हर मुद्दों पर तिल का ताड़ बनाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। झारखंड में अब बालू पर राजनीति बवाल शुरू हो गया है। पिछले दिनों हेमंत सोरेन ने गरीबों के लिए फ्री बालू देने की घोषणा की थी, अब फ्री बालू को लेकर श्रेय लेने की होड़ शुरू हो गयी है।


भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर लिखा है कि हेमन्त सोरेन ने घोषणा की है कि वे बालू फ्री कर रहे हैं, बस जनता को ट्रैक्टर, ट्रेलर का परिवहन खर्चा देना होगा। जबकि हेमंत सोरेन से पहले बालू को तो सबसे पहले हमने फ्री किया।

बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि जब राज्य बना और भाजपा की पहली सरकार बनी, तब से ही सरकार ने बालू को मुफ्त कर दिया था। यह व्यवस्था 2013 तक सुचारू ढंग से चलती रही, 2013 तक बालू मुफ्त ही रहा।


लेकिन जब 2013 में हेमंत सोरेन सीएम बने, तब उन्होंने राज्य के सभी बालू घाटों को नीलाम कर दिल्ली-मुंबई के ठेकेदारों के हवाले कर दिया। इनके परिवार के लोग उन मुंबईया ठेकेदारों का पार्टनर बनकर मोटी कमाई करने लगे।

मरांडी ने कहा है कि जब हेमंत सोरेन की सत्ता जाने वाली है, तो ये कह रहे हैं बालू फ्री कर देंगे, नहीं, ये फिर धोखा देंगे… मैं जनता को अश्वस्त करना चाहते हूं कि जिस प्रकार राज्य गठन के बाद हमारी सरकार ने बालू को मुफ्त कर दिया था।


ठीक वैसा ही आसन्न विधानसभा चुनाव के पश्चात भाजपा की सरकार बनते ही बालू खनन तथा बालू वितरण को ग्राम सभा को सौंपा जाएगा और सभी लघु खनिज का खनन पट्टा प्राथमिकता के आधार पर रैयतों और स्थानीय ग्रामीणों को सौंपा जाएगा।

झारखंड में फ्री बालू का ऐलान

झारखंड में बालू की किल्लत और ऊंची कीमतें लंबे समय से चर्चा का विषय रही हैं। विपक्षी पार्टी मानसून सत्र के दौरान बीजेपी ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की। इसके बाद मुख्यमंत्री सोरेन ने यह घोषणा कर सबको चौंका दिया, कि सरकार गरीबों को फ्री बालू देगी। उन्होंने कहा कि गरीबों को घर बनाने में बालू की कमी न हो, इसलिए सरकार यह फैसला ले रही है।

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा- ‘बालू के महंगे दामों और गरीबों को हो रही परेशानी पर चर्चा हुई है। अबुआ आवास, प्रधानमंत्री आवास योजनाओं के तहत भी लोगों को बालू नहीं मिल पा रहा है। इसलिए सरकार ने फैसला लिया है कि जो लोग इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं, उन्हें मुफ्त में बालू दिया जाएगा।’

Aditya
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