मंईयां सम्मान योजना की PIL पर गरमायी राजनीति, झामुमो ने कहा, “महिलाओं को मिलने सम्मान, तो भाजपा के पेट में दर्द शुरू हो गया”

Jharkhand News: मंईयां सम्मान योजना क्या बंद हो जायेगी? इस पर तो कोर्ट को फैसला लेना है, लेकिन इस योजना को झारखंड में राजनीति गरमा गयी है। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इसे लेकर भाजपा पर निशाना साधा है।


योजना के खिलाफ हाईकोर्ट में पीआईएल दायर किया गया है, जिसमें दलील दी गयी है कि चुनाव पूर्व ऐसी योजना वोटरों को प्रभावित करने की योजना है। इस पर रोक लगाने की मांग याचिका में कही गयी है। इधर, इस पीआईएल को लेकर भी आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो चुके हैं।

झारंखंड मुक्ति मोर्चा की साहिबगंज ईकाई ने सोशल मीडिया हैंडल पर हेंत सोरेन की तस्वीर के साथ पोस्ट किया है कि 136 करोड़ रूपया राशि बकाया है केंद्र सरकार के पास, लेकिन भाजपाई कभी उसके लिए कोर्ट नहीं जाएगा। लेकिन अब यहां झारखंड की महिलाओं को श्री हेमंत सोरेन जी के द्वारा सम्मान मिलने लगा तो भाजपाइयों के पेट में दर्द शुरू हो गया। हर काम में अड़ंगा लगाना है बस। दरअसल झामुमो मंईयां सम्मान योजना को मास्टर स्ट्रोक मान रहा है।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है कि आखिर बीजेपी राज्य की मां-बहनो का भला क्यों नहीं चाहती है. उन्हें मंईयां योजना से तकलीफ क्या है। साथ ही उन्होंने लिखा है कि उनकी मुझसे तकलीफ और खीज समझ में आती है, लेकिन झारखंडियों के हित पर कुठाराघात चिंतन का विषय है।

आपको बता दें कि इस योजना के खिलाफ हाईकोर्ट में पीआईएल दायर हुआ है। याचिका दायर करने वाले सिमडेगा के रहने वाले हैं, जिनका नाम विष्णु साहू है।

पीआईएल में कहा गया है कि राज्य सरकार किसी व्यक्ति विशेष को उसके खाते में डायरेक्ट पैसे नहीं दे सकती है।क्योंकि सरकार जो भी पैसे देती है, वो जनता के टैक्स के पैसे होते हैं. इन पैसों को जनहित की योजना में लगाना होता है. झारखंड में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव संभावित है.

इसे लेलकर राज्य सरकार मतदाताओं को लुभावन योजना का लाभ देकर भ्रमित करने का काम कर रही है। आपको बता दें कि इस योजना के तहत राज्य की 21 साल से 50 साल तक की महिलाओं को हर महीने हजार रूपए दिए जा रहे हैं। ये पैसे डायरेक्ट उनके खाते में जाते हैं।

Aditya
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