परीक्षा पर पॉलिटिक्स: झारखंड CGL परीक्षा परर गरमायी राजनीति, बाबूलाल बोले, शातिराना तरीके से पेपर लीक करने का प्रयास किया, झामुमो बोली, टीना का चश्मा है...

रांची। झारखंड सीजीएल परीक्षा को लेकर राजनीति भी गरम हो गयी है। एक ओर जहां भाजपा ने गड़बड़ी की तरफ इशारा किया है, तो वहीं झामुमो ने तीखा पलटवार किया है। झामुमो की तरफ से एक स्कूल का पत्र भी जारी किया गया है, जिसमें गड़बड़ी की बात को सिरे से खारिज किया गया है।


भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक वीडियो सोशल मीडिया में जारी किया है, जिसमें एक युवक सील टूटा प्रश्न पत्र देने की शिकायत कर रहा है। युवक का परीक्षा केंद्र डीएवी इस्पात पब्लिक स्कूल बोकारो में था। आरोप है कि अभ्यर्थी की शिकायत के बाद भी किसी तरह की कार्रवाई की नहीं की गयी।

भाजपा का गंभीर आरोप

इधर बाबूलाल मरांडी ने इस मामले में हेमंत सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होने लिखा है कि इंटरनेट बंदी की आड़ में हेमंत सोरेन ने ना सिर्फ साढ़े तीन करोड़ झारखंड वासियों का जीना मुहाल किया है, बल्कि जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में धांधली का भी प्रयास किया है।

किस प्रकार से जेएसएससी सीजीएल परीक्षा की सीटों का सौदा किया गया है, उसका प्रमाण परीक्षा देने वाले युवा ही दे रहे हैं। उन्होंने आगे कहा है कि हजारीबाग और बोकारो में परीक्षा केंद्र पर अभ्यर्थियों को दिए गए प्रश्न पत्र का सील पहले से ही खुला हुआ था।

इससे स्पष्ट है कि परीक्षा शुरू होने से पहले ही बड़ी शातिराना तरीके से पेपर लीक करने का प्रयास किया गया है। हेमंत जी युवाओं को मूर्ख समझना बंद करिए। पेपर लीक गिरोह ने आपके सारे खोखले दावों की पोल खोल दी है। शर्म करिए कि आप अपने कार्यकाल में कदाचार मुक्त एक भी परीक्षा नहीं करा पाए। झारखंडी नौजवानों के हक़ की सीटों का सौदा कर अपनी तिजोरी भरने वाले हेमंत सोरेन को झारखंड के बेरोजगार युवा करारा जवाब देंगे।

झामुमो ने किया तीखा पलटवार

इधर झामुमो ने जैक एंड जिल स्कूल की तरफ से जारी स्पष्टीकरण का पत्र सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा है कि टीना का चश्मा लगाए हुए भाजपाइयों को सच जानना जरूरी है.... भाजपा का षड्यंत्र कामयाब नहीं हो पाया इसलिए बाबूलाल जी समेत सभी भाजपा नेता तिलमिलाए हुए हैं।

ये बौरा गए हैं क्यूंकि जिस JSSC-CGL परीक्षा को डबल इंजन भाजपा सरकार नहीं करा पायी वो हेमन्त सरकार ने करके दिखा दिया, और वो भी मिसाल के साथ। पहले पेपर लीक रोकने के लिए कानून लाया गया तब भाजपा ने छाती पीटना शुरू किया।

जब कड़ाई से परीक्षा लेने की ओर बढ़े तब नक्सल बंदी का हवाला देकर रोकने का घृणित प्रयास किया गया, फिर इंटरनेट बंद करने के खिलाफ PIL(ES) गैंग को एक्टिव कर दिया गया, और जब अब लाखों परीक्षार्थी खुले स्वर में कह रहे हैं कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए हर कार्रवाई सही थी, और भविष्य में भी इसी ढंग से परीक्षाएं होनी चाहिए, तो जलनखोर और फेक न्यूज फैक्ट्री वाली भाजपा भ्रामक खबर फैला कर इसमें शामिल हुए लाखों युवाओं की मेहनत को कमतर करने के प्रयास में लगी हुई है। झामुमो का विरोध करते-करते ये झारखंडी युवाओं का विरोध करने पर आ गए हैं। जलनखोर युवा विरोधी भाजपा हाय! हाय!

Aditya
Aditya  
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