हेमंत सोरेन के जमीन मामले में महिला अधिकारी की भूमिका पर उठे सवाल, ईडी ने चार्जशीट में किया जिक्र, हो सकती है पूछताछ

रांची। हेमंत सोरेन के कथित जमीन घोटाले की जद में अब कई अधिकारी आने वाले हैं। ED ने उन अधिकारियों को चिन्हित कर लिया है, जिनकी इस मामले में भूमिका संदिग्ध रही है। ईडी ने बरियातू की 8.86 एकड़ जमीन की जमाबंदी रद्द करने के मामले में एसएआर अफसर मनीषा तिर्की की भूमिका भी सवालों में है।

गौरतलब है कि हेमंत सोरेन के कथित कब्जे वाली जमीन की जमाबंदी रद्द करने के मामले में ईडी ने मनीषा तिर्की से जानकारी मांगी थी। ईडी ने पूछा था कि संबंधित जमीन की जमाबंदी के मामले में कोर्ट में आवेदन ऑफलाइन तरीके से आया था या ऑनलाइन आवेदन पर सुनवाई शुरू हुई थी।

जवाब में 4 जून को मनीषा तिर्की ने बताया है कि जमीन की जमाबंदी रद्द करने का आवेदन ऑफलाइन ही आया था, जिसके बाद ईडी ने मनीषा से पूरे मॉड्स की जानकारी भी ली है। ईडी ने चार्जशीट में भी इसका जिक्र किया है। चार्जशीट में लिखा है कि ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया अपनाने के बजाय ऑफलाइन सुनवाई की गई।

मामले में ईडी के द्वारा 10 आरोपियों पर दायर चार्जशीट में बताया है कि एसएआर के समक्ष दायर केस नंबर- 81/2023- 24 की सुनवाई काफी जल्दबाजी में की गई. ईडी ने चार्जशीट में बताया है कि जिस वक्त दिल्ली में सीएम आवास पर सर्च चल रहा था, उसी वक्त एसएआर कोर्ट ने आनन-फानन में सुनवाई पूरी कर आदेश जारी किया और पूर्व की जमाबंदी रद्द कर दी।अब इस मामले में मनीषी तिर्की की भी मुश्किलें बढ़ सकती है।

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