मनरेगा कर्मियों का निकलेगा समाधान: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संघ से मुलाकात के बाद दिया आश्वाशन

रांची। रविवार को राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने के लिए मनरेगा संघ के प्रतिनिधि उनके आवास पर प्रातः 10 बजे पहुंचे. शिष्टमंडल में प्रदेश अध्यक्ष जॉन बागे, संजय प्रमाणिक, बसंत टुडू, मोइनुल, लतीफ शामिल थे. मुख्यमंत्री के यहाँ से सूचना मिली कि वे आज किसी से नहीं मिलेंगे. उनका कार्यक्रम आज चाईबासा का है, और वे वही के लिए निकल रहे हैं. फिर भी मनरेगा संघ को मुख्यमंत्री के के द्वारा समय दिया गया.

प्रदेश अध्यक्ष जॉन बागे ने बताया कि मुख्यमंत्री के द्वारा हमारी बातों को गंभीरता पूर्वक सुना गया. संघ के द्वारा प्रमुखता से ग्रेड पे के विषय पर चर्चा की गई. राज्यांश के सम्बंध में विस्तार से बताया गया.

मनरेगाकर्मियों के मानदेय भुगतान एवं विसंगतियों पर चर्चा की गयी. एवं मनरेगाकर्मियों के लिए राज्यांश की मांग को रखते हुए ग्रेड पे की मांग रखी गयी. 52 दिनों से अनिच्छित कालीन हड़ताल पर मनरेगा कर्मी लगे हुए है इस का समाधान जल्द किया जाएगा. मुख्यमंत्री के द्वारा कल विभाग को आदेशित करने की बात कही गयी.

अब सब की निगाहे विभाग को दिए जाने वाले निर्देश पर टिका है। 52 दिनों से हड़ताल पर जमे कर्मियों में आशा की किरण जगी है। परंतु किसी ठोस आदेश और कारवाई के बिना काम पर लौटना नहीं चाहते।

मालूम हो की सचिवालय से लेकर पंचायत सचिवालय तक मनरेगा कर्मी कार्यरत हैं l इन्हें दो भागों में विभाजित किया गया है l एक मनरेगा कोषांग जो जिला से ऊपर सचिवालय में कार्यरत हैं और प्रखंडों से लेकर पंचायत तक छेत्रीय मनरेगा कर्मी है l

सभी को मनरेगा योजना मद के 6% प्रशासनिक मद से मानदेय भुगतान किया जाता है l दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि मनरेगा कोषांग के सभी कर्मियों को ग्रेड पे दिया जाता है और क्षेत्र के कर्मियों को सिर्फ अल्प मानदेय दिया जाता है l

मनरेगा कर्मियों की नियुक्ति 2007 मे हुई थी और मनरेगा कोषांग के कर्मियों की नियुक्ति 2010 में l दोनों का नियुक्ति नियमावली बिल्कुल ही एक है l अन्तर सिर्फ मानदेय और ग्रेड पे का हैं l ग्रेड पे के लिए वित्त विभाग का संकल्प भी हैं l किसी भी तरह का तकनीकी दिक्कत नहीं है l सरकार की इच्छा शक्ति और मनसा साफ हो तो यह जल्द पूरा हो जाएगा

HPBL
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