मंईयो योजना को लेकर मुख्यमंत्री को खुद संभालनी पड़ी कमान, अफसरों को दो टूक निर्देश, किसी भी महिला को परेशान नहीं होना....

रांची। चुनाव के पहले मंईयां योजना को लांच कर झारखंड सरकार ने दूर की कौड़ी खेली है। झामुमो-कांग्रेस गठबंधन को बखूबी पता है कि ये स्कीम अगर हिट हो गयी, तो विधानसभा चुनाव में मंईया योजना गेम चेंजर साबित हो सकती है।


लिहाजा मुख्यमंत्री का भी पूरा फोकस मंईयां योजना पर है। मुख्यमंत्री आज इसे लेकर बैठक भी ली है। मुख्यमंत्री ने सभी वरीय पदाधिकारियों, जिला उपायुक्तों, सीएससी के वरीय पदाधिकारियों के साथ झारखण्ड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (JMMSY) में आ रही तकनीकी समस्याओं को लेकर बैठक की तथा वरीय पदाधिकारियों को योजना का सरलता से क्रियान्वयन का निर्देश दिया है।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान अधिकारियों को योजना का लाभ लेने में दीदी-बहनों को आ रही कठिनाइयों को अतिशीघ्र दूर करने के भी निर्देश दिये। कई बिंदुओं पर जानकारी लेकर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि किसी भी जरूरतमंद दीदी-बहनों को लाभ लेने में किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े तथा विभाग इस हेतु शीघ्र दिशा-निर्देश जारी करें।

आपको बता दें कि झारखंड मुख्यमंत्री मंइयां सम्मान योजना में लगातार सर्वर फेल रहने की शिकायत मिल रही है इसलिए अब तक मात्र 32 हजार फॉर्म ही भरा पाए हैं,जबकि सरकार ने 48 लाख महिलाओं को इस योजना का लाभ देने का फैसला किया है।

लेकिन इस योजना के आवेदकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई जगहों पर सर्वर स्लो होने की वजह से डाक्यूमेंट ही अपलोड नहीं हो रहा है, तो कई जगहों पर आवेदन ही सबमिट नहीं हो पा रहा है।

लिहाजा इस योजना के आवेदन की तारीख 15 अगस्त तक बढ़ाई गई है। हालांकि सरकार की तरफ से ये दावा किया गया है कि सर्वर की खराबी को दूर कर लिया गया है और अब किसी भी तरह की परेशानी सामने नहीं आएगी।

तकनीकी दिक्कतों की वजह से पंचायत कार्यालयों पर लगातार महिलाओं की भीड़ उमड़ रही है। महिलाएं दूर दराज से आकर निराश लौट रही हैं और मायूस महिलाओं को देखकर साफ महसूस होता है कि बिना तैयारियों और स्थिति की समीक्षा के इतनी बड़ी योजना लॉन्च कर दी गयी। झारखंड में नगर निकाय भंग होने के कारण भी निकाय क्षेत्र की महिलाओं को स्थानीय पार्षदों का भरपूर समर्थन नहीं मिल पा रहा है।

Aditya
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