आदिवासी समाज को मिल सकती है बड़ी खुशखबरी, गृहमंत्री से मिला आश्वासन, हिमंता ने ट्वीट कर बताया...

रांची। आदिवासी “हो” समाज के लोगों को लेकर केंद्र सरकार बड़ा फैसला ले सकती है। केंद्रीय गृहमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को ये आश्वासन दिया है। दरअसल झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और असम में रहने वाले आदिवासी "हो" समाज के परिवारजनों की कई वर्षों से माँग थी कि "हो" भाषा (वारंग क्षिति लिपि) को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए।

असम के मुख्यमंत्री हिमंता विस्वा सरमा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मांग को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात की। इस मुलाकात का जिक्र मुख्यमंत्री हिमंता विस्वा सरमा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर भी किया है। उन्होंने कहा कि "हो" भाषा (वारंग क्षिति लिपि) को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के संदर्भ में, कल मैंने आदिवासी "हो" समाज युवा महासभा और अखिल भारतीय हो भाषा एक्शन कमेटी के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ गृहमंत्री अमित शाह से से मुलाकात की।

गृह मंत्री ने इस प्रतिनिधिमंडल की बात सुनी और आश्वासन दिया कि भारत सरकार उनकी इस माँग पर विचार करेगी। साथ ही यह भी कहा कि मोदी सरकार देश के हर समाज की संस्कृति को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है।आपको बता दें कि हिमंता विस्वा सरमा झारखंड में चुनाव के सह प्रभारी है। वो लगातार झारखंड में भी सक्रिय है। चंपाई सोरेन को भाजपा में शामिल कराये जाने को लेकर हिमंता का ही बड़ा हाथ बताया जाता है।

Related Articles
Next Story