चंपाई सोरेन का क्या होगा ? मुख्यमंत्री से विदाई के बाद मंत्री पद से भी धोना पड़ेगा हाथ, जानिये क्यों जगह नहीं बन पा रही...?

रांची। कैबिनेट विस्तार की खबरों के बीच सबसे ज्यादा चर्चा है, तो वो है चंपाई सोरेन की है। क्या चंपाई सोरेन हेमंत मंत्रिमंडल का हिस्सा होंगे ? क्या उन्हें मंत्री पद दिया जायेगा? इन सवालों को लेकर यही बातें कही जा रही है कि चंपाई सोरेन को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलेगी। मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद कई लोग ये मान रहे है कि अब चंपाई सोरेन का राजनीतिक करियर ठहर जायेगा। मौजूदा परिस्थिति में उनकी जगह कैबिनेट में नहीं दिख रही है।

6+4+1 का जो समीकरण है, उसमें चंपाई सोरेन फिट नहीं बैठ रहे हैं। झारखंड की राजनीति को करीब से जानने वाले कहते हैं कि चंपाई सोरेन को हेमंत कैबिनेट में जगह नहीं मिलेगी। बेशक चंपाई सोरेन को जेएमएम में कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपे जाने की चर्चा तेज है, लेकिन संगठन की कमान सौंपने के बाद उन्हें कितनी स्वतंत्रता मिलेगी, ये सबसे बड़ा सवाल है। हालांकि मुख्यमंत्री रहते हुए भी, उनके हाथ बंधे हुए ही थे। उन्हे फैसले की कुछ ज्यादा स्वतंत्रता नहीं थी। लेकिन वो अपने स्तर से अच्छा काम कर रहे थे।

अब चर्चा है कि उन्हें विधानसभा चुनाव के मद्देनजर संगठन में कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जायेगी। चंपाई राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं ऐसे में उन्हें दोबारा कैबिनेट में लाना आसान नहीं होगा। चंपाई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद जब मीडिया से बात की, तो उनका मन बुझा हुआ था। उन्होंने बुझे मन से कहा कि हमारे गठबंधन की बात है, दल के अंदर विचार करके निर्णय लिया जाता है। बीते दिनों घटित हुए राजनीतिक घटनाक्रम को आप सभी जानते हैं।

जब हमलोगों ने नेतृत्व परिवर्तन किया था, मुझे दायित्व सौंपा गया था। अब हेमंत सोरेन जेल से बाहर आ गए है। गठबंधन में शामिल घटक दलों ने हेमंत सोरेन को विधायक दल का नेता चुनने का निर्णय लिया। इसके बाद हमने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। साफ है कि इस्तीफे को लेकर वो नाखुश हैं। ऐसे में उन्हें फिर मंत्रिमंडल में शामिल कर हेमंत सोरेन आगे कोई जोखिम नहीं लेना चाहेंगे। कुल मिलाकर जो खबरें है, वो चंपाई सोरेन के लिए अच्छी नहीं आ रही है।

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