कहां गया मूल निवासी व स्थानीयता का मुद्दा: इस विभाग में 28 पद की भर्ती में 17 दूसरे राज्यों के निवासी, झारखंड की नौकरियों में दूसरे राज्यों का कब्जा
रांची। झारखंड में भले ही स्थानीयता के मुद्दे पर विवाद-फसाद और आंदोलन होता रहा हो, लेकिन हकीकत में इसका जमीनी हकीकत से कोई वास्ता नहीं है। राजनीतिक नफा नुकसान के आधार पर स्थानीयता, मूल निवासी और गैर मूल निवासी जैसे दांव चले जाते हैं। अगर ऐसा नहीं होता, तो आज भी झारखंड में नौकरियों में बाहर के लोगों का दबदबा नहीं होता। हाल ही में JPSC की तरफ से जो सहायक नगर निवेशक के पद पर भर्तियां हुई है, उनमें 28 पद में से 17 अभ्यर्थी राज्य से बाहर के हैं।
JSSC की तरफ से जारी परिणाम के बाद नगर विकास विभाग की तरफ से जो पोस्टिंग आर्डर जारी किया गया है, इससे इस बात का खुलासा हुआ है कि 28 चयनित में से सिर्फ 11 ही झारखंड के हैं, जबकि 17 अभ्यर्थी हरियाणा, यूपी, बिहार, बंगाल, मध्य प्रदेश, दिल्ली जैसे राज्यों के हैं। अब इस मामले में नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने हेमंत सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा है कि इन 28 नियुक्तियों में 17 राज्य के बाहर के हैं : झारखंड के युवा खुद विचार करें, कि आपने 'क्या खोया, क्या पाया' !
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद ही अपने हाथों से 23 जुलाई को सभी नियुक्ति पत्र बांटा था। उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार में विभिन्न विभागों में सहायक नगर निवेशक, कनीय अभियंता, स्ट्रीट लाइट इंस्पेक्टर, पाइपलाइन इंस्पेक्टर, खान निरीक्षक और मोटरयान निरीक्षक के पदों पर नियुक्त सभी युवाओं को हार्दिक बधाई, शुभकामनाएं और जोहार। आप सभी से आशा करते हैं कि आप राज्य के विकास में अपनी अहम भूमिका निभाएंगे। आप सभी ईमानदारी से काम करें, उदाहरण पेश कर दिखाएं, सरकार आपको सम्मानित करेगी। सिर्फ यूपीएससी से ही चयनित नहीं बल्कि जेपीएससी और जेएसएससी से चयनित अभ्यर्थियों को भी अच्छे कार्य के लिए सम्मानित करने का कार्य राज्य सरकार करेगी।
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