....सिपाही की फोटो पोस्ट कर झामुमो क्यों घिरा विवादों में, बाबूलाल मरांडी ने लेडी IPS के पोस्ट का स्क्रीन शॉट डालकर कर दिया दूध का दूध और पानी का पानी, जानें मामला

रांची। पुलिस की तस्वीर के साथ सोशल मीडिया में फर्जी पोस्ट कर झामुमो विवाद में घिर गयी है। भाजपा इस मुद्दे पर आक्रामक हुई है, तो आनन-फानन में झामुमो ने पोस्ट डिलीट कर दिया। दरअसल युवा आक्रोश रैली के संदर्भ में भाजपा पर निशाना साधने के लिए झामुमो ने अधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर एक पुलिस की तस्वीर पोस्ट की।

पुलिसवाले की पीठ पर जूते के दाग थे, झामुमो ने इस फोटो को रांची के युवा आक्रोश रैली का बताते हुए लिखा, देखिये लूटस छाप भाजपा की कायरता कैसे पीछे से सुरक्षाकर्मी को पीटा जा रहा है, पर झारखंड पुलिस पूरी संयमता से इन तानाशाहों को संभाल रही है।

कमाल की बात ये है कि जिस पुलिसकर्मी की फोटो को रांची का बताकर भाजपा पर निशाना साधा गया, दरअसल वो तस्वीर ना तो आज की थी और ना ही झारखंड पुलिस की। दरअसल ये फोटो साल 2022 की है, और जिस फोटो को झारखंड का बताया जा रहा है, वो पुलिसकर्मी महाराष्ट्र का है। पुलिसकर्मी की इस तस्वीर को छत्तीसगढ़ की आईपीएस अंकिता शर्मा ने साल 2022 में पोस्ट किया था।

इधर, झामुमो ने फोटो पोस्ट किया, उधर भाजपा ने उस फोटो की पूरी कुंडली निकाल ली। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने छत्तीसगढ़ की आईपीएस अंकिता शर्मा के वॉल से फोटो का स्क्रीन शॉट लेकर कहा है कि देखिए कैसे हेमंत सोरेन का IT सेल झुठ फैला रहा है|

दो साल पुरानी पोस्ट को आज का बताकर युवा बेरोजगारों बदनाम करने की कोशिश कर रहा है| आग्रह है झूठ फैला रहे इस हैडल को तुरंत ब्लॉक करें|

इधर झामुमो को गलती का अहसास हुआ, तो आनन फानन में पोस्ट को डिलीट किया गया। जिसके बाद बाबूलाल मरांडी ने एक और पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि हेमंत सोरेन के पास अब अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए झूठ का ही सहारा बचा है।

झामुमो का IT सेल पुरानी फोटो डालकर झारखंड के बेरोजगार युवाओं को बदनाम कर रही है। जब इनकी यह झूठ और घटियागिरी पकड़ी गई तो डर के मारे ट्वीट को डिलीट कर दिया गया। बाबूलाल मरांडी ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर उचित कानूनी कारवाई करने तथा झूठी खबर फैलाने वाले अकाउंट को ब्लॉक करने की मांग की है।

Aditya
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