भूकंप का बड़ा झटका! जानें तीव्रता, एपिकेंटर और कहां-कहां हुई तबाही!

Big earthquake strikes! Know the intensity, epicenter and where the destruction occurred!

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में शुक्रवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, शुक्रवार सुबह लद्दाख के कारगिल में 5.2 तीव्रता का भूकंप आया, जबकि जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में भी भूकंप के हल्के से मध्यम झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र कारगिल से कुछ किलोमीटर दूर था और यह 15 किलोमीटर की गहराई पर आया।

लेह और लद्दाख: भूकंप के संवेदनशील क्षेत्र

लेह और लद्दाख, जो हिमालय क्षेत्र के टेक्टोनिक रूप से सक्रिय हिस्से में स्थित हैं, को देश के भूकंपीय क्षेत्र-IV में रखा गया है। यह क्षेत्र भूकंप के लिहाज से उच्च जोखिम वाले इलाकों में आता है, जिससे यहां अक्सर भूकंप के झटके महसूस होते रहते हैं। इन इलाकों में भूकंप के झटके सामान्य हैं और विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में यहां भूकंप के और भी झटके महसूस हो सकते हैं।

अरुणाचल प्रदेश में भी भूकंप के झटके

वहीं, अरुणाचल प्रदेश में भी शुक्रवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप सुबह 6:01 बजे पश्चिम कामेंग क्षेत्र में आया। इस भूकंप की तीव्रता 4 मापी गई और इसका केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई पर था। अरुणाचल प्रदेश भी भूकंपीय क्षेत्र-IV में आता है, जिससे यह क्षेत्र भी भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है।

भारत के भूकंपीय क्षेत्र

भारत को भूकंपीय दृष्टिकोण से पांच सिस्मिक जोनों में बांटा गया है। इन जोनों को क्षेत्रीय भूकंप की तीव्रता के आधार पर वर्गीकृत किया गया है, जिसमें जोन-I सबसे कम जोखिम वाला होता है और जोन-V सबसे अधिक संवेदनशील। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, और अरुणाचल प्रदेश जैसे क्षेत्रों को जोन-IV और जोन-V के तहत रखा गया है, जहां भूकंप के झटके अधिक महसूस हो सकते हैं।

भारत की राजधानी दिल्ली, जो भूकंपीय क्षेत्र-IV में आती है, वहां हल्के से मध्यम तीव्रता के भूकंप के झटके सामान्य होते हैं। इसके आसपास के इलाके भी इस तरह के भूकंप के प्रभाव से प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि, जोन-II में स्थित क्षेत्रों में भूकंप के झटके कम होते हैं और वहां इस प्रकार के प्राकृतिक आपदाओं का खतरा अपेक्षाकृत कम होता है।

भूकंप से सुरक्षा के उपाय

भूकंप की आशंका को देखते हुए, विशेषज्ञों का कहना है कि इन भूकंप ग्रस्त क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भूकंप के दौरान सुरक्षित रहने के लिए तत्पर रहना चाहिए। भूकंप के झटके महसूस होने पर सबसे पहले सुरक्षित स्थान पर जाने और बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही भवनों और संरचनाओं की भूकंप सुरक्षा मानकों के अनुरूप निर्माण भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

भारत में भूकंप की घटनाएं कभी भी घटित हो सकती हैं और ऐसे में नागरिकों को प्राकृतिक आपदाओं के प्रति जागरूक रहना चाहिए, ताकि किसी भी अप्रत्याशित घटना से बचाव किया जा सके।

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