नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कामयाबी, 9 महिला नक्सली समेत एक ही दिन में 22 नक्सलियों ने किया सरेंडर, लाखों का था ईनाम
Big success against Naxalites, 22 Naxalites including 9 women Naxalites surrendered in a single day, there was a reward of lakhs on their heads

Naxal News : नक्सलियों के खात्मे की घड़ी आ गयी है, या तो उन्हें आत्मसमर्पण करना होगा या फिर उन्हें मार गिराया जायेगा। नक्सलियों को केंद्रीय गृहमंत्री से मिले अल्टीमेटम के बाद से नक्सलियों में हड़कंप मचा हुआ है। इसी कड़ी में अब नक्सली धड़ाधड़ा सरेंडर कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में आज एक ही दिन में 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
जानकारी के मुताबिक 22 नक्सलियों में 9 महिला नक्सली भी शामिल हैं। इनमें से दो नक्सलियों पर 8-8 लाख रुपये और दो अन्य पर 5-5 लाख रुपये का इनाम घोषित था। अधिकारियों के अनुसार, यह आत्मसमर्पण सुरक्षा बलों की प्रभावी तैनाती और सरकार की पुनर्वास नीति का प्रतिफल है।
22 सक्रिय नक्सलियों ने हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है। इनमें 9 महिला नक्सली भी शामिल हैं, जो वर्षों से नक्सली संगठन से जुड़ी हुई थीं। आत्मसमर्पण करने वालों में चार बड़े इनामी नक्सली भी हैं – जिनमें से दो पर 8 लाख रुपये और दो पर 5 लाख रुपये का इनाम था।
सुरक्षा बलों की इस सफलता पर DIG (CRPF) आनंद सिंह राजपुरोहित ने जानकारी देते हुए कहा:
“आज कुल 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें नौ महिलाएं भी शामिल हैं। दो नक्सलियों पर आठ-आठ लाख रुपये और दो पर पाँच-पाँच लाख रुपये का इनाम घोषित था। क्षेत्र में जिस तरह सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही है, नए कैंप बनाए जा रहे हैं और सरकार की पुनर्वास नीति को लागू किया जा रहा है – उसका सीधा असर देखने को मिल रहा है। हमें उम्मीद है कि जो नक्सली आज आत्मसमर्पण करके मुख्यधारा में लौटे हैं, वे समाज के लिए अच्छा कार्य करेंगे।”
आत्मसमर्पण का कारण:
सूत्रों के अनुसार, लगातार हो रही सुरक्षा बलों की तैनाती, ऑपरेशन्स की बढ़ती तीव्रता और ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार की योजनाओं के विस्तार के चलते नक्सलियों में असंतोष और असुरक्षा की भावना बढ़ी है। साथ ही, छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाए जा रहे पुनर्वास कार्यक्रमों से प्रभावित होकर कई नक्सली आत्मसमर्पण का विकल्प चुन रहे हैं।
सरकार की पुनर्वास नीति:
राज्य सरकार ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास, रोजगार और जीवन यापन के लिए सहायता प्रदान करने की नीति बनाई है। इसका उद्देश्य न केवल हिंसा को कम करना है, बल्कि भटके हुए युवाओं को मुख्यधारा में लाकर समाज के पुनर्निर्माण में भागीदार बनाना भी है।