झारखंड में नेता प्रतिपक्ष: सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, दो हफ्ते में नेता प्रतिपक्ष नॉमिनेट करे झारखंड विधानसभा की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी

Leader of Opposition in Jharkhand: Supreme Court's instructions, the largest opposition party in Jharkhand Assembly should nominate the Leader of Opposition in two weeks.

Jharkhand News: सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड में मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों के रिक्त पदों पर नियुक्ति से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए अहम निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि नेता प्रतिपक्ष न होने से सूचना आयोग में नियुक्ति पर निर्णय लेने वाली चयन समिति की बैठक नहीं हो पाई है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि झारखंड में वर्ष 2020 से राज्य सूचना आयोग निष्क्रिय है। मुख्य सूचना आयुक्त, सूचना आयुक्त सहित कई पद रिक्त हैं। इस वजह से सूचना के अधिकार से संबंधित हजारों केस लंबित है।

 

आपको बता दें कि नेता प्रतिपक्ष चयन समिति के सदस्य होते हैं, लेकिन फिलहाल राज्य विधानसभा में यह स्थान रिक्त है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि राज्य विधानसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी अपने किसी निर्वाचित सदस्य को नेता विपक्ष के तौर पर नॉमिनेट करे। कोर्ट के आदेश पर मंगलवार को सरकार की ओर से कोर्ट में दाखिल शपथ पत्र में बताया गया है कि सूचना आयोग में नियुक्तियों के लिए जून 2024 को एक विज्ञापन दिया गया था, लेकिन झारखंड विधानसभा चुनाव के बाद नेता प्रतिपक्ष की घोषणा नहीं की जा सकी है।

 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सूचना आयोग में नियुक्ति पर निर्णय लेने वाली चयन कमेटी के लिए विपक्ष के नेता को नामित करने की प्रक्रिया दो सप्ताह में पूरी की जाए। चयन कमेटी इसके तुरंत बाद मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करेगी।सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के मुख्य सचिव आदेश के अनुपालन को लेकर शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है।

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पूर्व की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया चार सप्ताह के भीतर शुरू हो। इसको लेकर शपथ पत्र भी मांगा था।झारखंड सरकार के वकील ने कहा था कि चयन समिति में अपेक्षित कोरम का अभाव था और इस वजह से झारखंड में सूचना आयुक्तों की नियुक्तियां नहीं की जा सकी हैं।

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