छुट्टी हुई रद्द, भड़के शिक्षक : गैर शैक्षणिक कामों के लिए DEO ने रद्द कर दी शिक्षकों की छुट्टियां… नाराज शिक्षकों ने DEO कार्यालय घेरा… DEO ने दिया ये आश्वासन
गढ़वा। छुट्टियां रद्द करने पर भड़के शिक्षकों ने आज DEO कार्यालय में जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान शिक्षकों ने जिला शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ आक्रोश का इजहार किया। गैर शैक्षणिक कामों के लिए छुट्टी रद्द करने के आदेश को तुगलकी फरमान बताते हुए शिक्षकों ने तुरंत इस आदेश को वापस लेने की मांग की। हालांकि शिक्षकों के आक्रोश को देखते हुए DEO ने शीतकालीन अवकाश को बाधित नहीं करने और विशेष परिस्थिति में एक दिन का आकस्मिक अवकाश देने की सहमति दी।
इससे पहले झारखण्ड सरकार एवं शिक्षा विभाग के द्वारा निर्गत निर्देशों का सरेआम उल्लंघन करते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी गढ़वा अनीता पूर्ति ने गैर शैक्षणिक कार्यों जैसे जाति प्रमाणपत्र एवं छात्रवृति प्रपत्र भरने एवं अन्य कार्यों को गढ़वा जिले के शिक्षकों के द्वारा मध्यम गति से होने पर सारे आकस्मिक अवकाश एवं अन्य अवकाशों को रद्द कर दिया है. इससे नाराज सभी संवर्ग के शिक्षकों ने अपने संघीय पदाधिकारियों के साथ जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय पहुँचकर सांकेतिक रोष प्रदर्शन किया.
आगे बताते चलें कि विगत सोमवार को अचानक जिला शिक्षा पदाधिकारी अनीता पूर्ति द्वारा प्रारम्भिक से प्लस टू के सारे शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों तक के सारे आकस्मिक अवकाश सहित अन्य अवकाश गैर शैक्षणिक कार्य को पूर्ण करने को लेकर रद्द कर दिया गया. जिससे डीईओ के इस तुगलकी एवं अहितकारी आदेश से जिले के सभी संवर्ग के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मी नाराज हो उठे.इस पर झारखण्ड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ जिला इकाई गढ़वा के जिलाध्यक्ष सुशील कुमार ने पहल करते हुए डीईओ गढ़वा से उक्त संबंध में वार्त्ता करने हेतु सभी संवर्ग के संघीय पदाधिकारियों से सम्पर्क साधा और शिक्षकों से अधिकाधिक संख्या में उपस्थित होने का आह्वाहन किया. इस आह्वाहन पर सभी संवर्गों के सैकड़ों की संख्या में शिक्षकवृंद अपने संघीय पदाधिकारियों के साथ डीईओ कार्यालय गढ़वा पहुँचे. वार्ता के दौरान झारखण्ड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सुशील कुमार ने कहा कि झारखण्ड सरकार एवं शिक्षा सचिव ने कई बार कहा है कि शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं कराया जायेगा. गैर शैक्षणिक नहीं करने के एवज में आकस्मिक अवकाश को रद्द कर देना कहीं से भी उचित नहीं है. शिक्षकों को वर्ष में मात्र सोलह आकस्मिक अवकाश देय होता है जिसमें वे अपनी बीमारी का ईलाज एवं कई आवश्यक निजी कार्यों को सम्पादित करते हैं. अतः निर्गत पत्रादेश में आवश्यक संशोधन अपेक्षित है. अखिल झारखण्ड प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सुनील दुबे ने कहा कि तकनीकी त्रुटियों के कारण छात्रवृति प्रपत्र एवं जाति प्रमाणपत्र नहीं बनने का ठीकरा हम शिक्षकों पर फोड़ना कहाँ तक उचित है. सभी शिक्षकवृंद यथासंभव कार्यानुभव नहीं होने की स्थिति में भी सभी आवश्यक गैर शैक्षणिक कार्यों को बखूबी सम्पादित कर रहे हैं. इसलिए शिक्षकों की आकस्मिक अवकाश को रद्द नहीं किया जाये. झारखण्ड प्रगतिशील शिक्षक संघ गढ़वा के जिलाध्यक्ष अरुण दुबे ने भी कहा कि आकस्मिक अवकाश को रद्द नहीं किया जाये और निर्गत पत्र में आवश्यक संशोधन कर दिया जाये. प्लस टू शिक्षक संघ के प्रमंडलीय अध्यक्ष विश्वविजय सिंह ने आकस्मिक अवकाश को रद्द नहीं करने का अनुरोध किया और निरीक्षण कार्य सुधारात्मक करने का आग्रह किया.
ततपश्चात सभी संगठनों के संघीय पदाधिकारियों के अनुरोध पर विशेष परिस्थिति में एक दिन का आकस्मिक अवकाश देने की बात डीईओ द्वारा कही गई और शीतवकाश को बाधित नहीं करने की बात भी कही गई.इस आश्वासन पर उपस्थित सभी संगठनों के संघीय पदाधिकारियों के द्वारा अपनी सहमति व्यक्त की गई और सांकेतिक रोषपूर्ण प्रदर्शन को समाप्त किया गया.
इस अवसर पर अखिल झारखण्ड प्राथमिक शिक्षक संघ गढ़वा के जिलाध्यक्ष सुनील दुबे,दिलीप श्रीवास्तव, आलोक यादव, प्रगतिशील शिक्षक संघ गढ़वा के जिलाध्यक्ष अरुण दुबे,पंकज कुमार भारती, प्लस टू शिक्षक संघ के प्रमंडलीय अध्यक्ष विश्वविजय सिंह, जिलाध्यक्ष पवन कुमार तिवारी, एकीकृत सहायक अध्यापक संघ गढ़वा से दशरथ ठाकुर, झारखण्ड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सुशील कुमार, जिलासचिव नागेंद्र चौधरी, जिला कोषाध्यक्ष सरफुल्लाह अंसारी,परीक्षा समिति के अध्यक्ष रिंकू कुमार पासवान, प्रखण्ड अध्यक्ष चिनिया समीर राज, झारखण्ड माध्यमिक शिक्षक संघ जिला इकाई गढ़वा के जिलाध्यक्ष संजय मेहता, आशुतोष शरण सिंह समेत सैकड़ों शिक्षकवृंद उपस्थित हुए.