सुनिए मंत्री जी, अब तो हद हो गई! ट्रांसफर – पोस्टिंग, मेडिकल फिटनेस के बाद अब ANM के सर्टिफिकेट के नाम पर मांगा जा रहा है 5000

Listen Minister, this is too much now! After transfer-posting and medical fitness, now Rs 5000 is being demanded in the name of ANM certificate.

Dhanbad: जिले का स्वास्थ्य विभाग इन दिनों रिश्वतखोरी का अड्डा बनता जा रहा है। एक से बढ़कर एक नए नए कारनामे सामने आ रहे है। इसके वावजूद कारवाई नहीं हो रही है।हद तो तब हो गई जब एक से बढ़कर एक आरोपी कर्मी स्वास्थ्य विभाग में अड्डा जमाये बैठे है और पूरे मामले पर सिविल सर्जन से प्रतिक्रिया पूछने पर वो आगबबूला हो जा रहे है।

पहले ट्रांसफर पोस्टिंग, फिर चौकीदार अभ्यर्थियों से मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने के नाम पर रिश्वतखोरी और अब ANM छात्राओं से सर्टिफिकेट के नाम पर 5 हजार घूस का मामला…राजनीतिक का अड्डा बन चुके सिविल सर्जन कार्यालय अब गहरे भ्रष्ट्राचार केंद्र बिंदु बन गया है।हद तो तब हो गई क्योंकि ये सब जिले के आला अधिकारी सिविल सर्जन के नाक के नीचे हो रहा है।

ताजा मामला जिले के ANM से 5 हजार रिश्वत मांगा जा रहा है. पिछले दिनों चौकीदार बहाली में भी मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने के नाम पर पैसे वसूलने के आरोप लगे थे. वहीं अब एएनएम सर्टिफिकेट के लिए पांच हजार रुपए घूस की मांग का आरोप लगा है. मामले को लेकर सिविल सर्जन सीवी प्रतापन से बात करने पर वह आग बबूला हो गए.

क्या है मामला

जिले से एएनएम की पास आउट छात्राएं गुरुवार को सर्टिफिकेट लेने के लिए पहुंची थीं.उनसे नर्सिंग कॉलेज की प्रभारी प्राचार्य अर्चना खाका ने सर्टिफिकेट देने के नाम पर 5 हजार की मांग कर दी।

जिसकी शिकायत लेकर सिविल सर्जन कार्यालय में पहुंची छात्राओं ने बताया कि वह एएनएम पास आउट कर चुकी हैं. आज सर्टिफिकेट देने के लिए बुलाया गया है. छात्रों ने कहा कि वे सुबह के 11 बजे पहुंची हैं और शाम हो चुकी है लेकिन अब तक सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है.

क्या कहती है छात्राएं

बोकारो से आई ममता कुमारी ने कहा कि एएनएम की सर्टिफिकेट लेने के लिए वह यहां पहुंची है. उन्होंने बताया कि सर्टिफिकेट नहीं दिया जा रहा है. सर्टिफिकेट देने के बदले में 5 हजार रुपए की मांग की जा रही है. 5 छात्राओं से पांच हजार रुपए लेकर उन्हें सर्टिफिकेट दिया गया है.

क्यों आग बबूला ही गए सिविल सर्जन

मामले को लेकर जब सिविल सर्जन सीवी प्रतापन से पूछा गया तो वह आग बबूला हो गए. उन्होंने अपने हाथों से माइक पकड़कर हटा दिया. पूछने पर उन्होंने कहा कि पहले हमें चिट्ठी दीजिए. पहले आरोप पत्र दीजिए, आप दस हजार रुपए का भी आरोप लगा सकते हैं.

लगातार एक से बढ़कर एक घूसकांड पर लगे आरोप के बाद सिविल सर्जन मीडिया पर आग बबूला हो रहे है और उल्टे मीडिया से ही सवाल करने लगे। जिले के स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ काफी अन्दर पहुंच चुकी है जिसपर अभी और खुलासा होना बाकी है।

कौन है अर्चना खाका, जिसने मांगे 5000

साहिबगंज से पहुंची शिवानी कुमारी ने कहा कि मार्च 2024 में फाइनल परीक्षा हुई थी. 20 से अधिक छात्राएं आज सर्टिफिकेट लेने के लिए पहुंची हैं. सदर अस्पताल के नर्सिंग स्कूल की प्रभारी प्राचार्य अर्चना खाका के द्वारा सर्टिफिकेट देने के एवज में 5 हजार रुपए रिश्वत की मांग की जा रही है.

सूत्र ये भी बताते है कि पूर्व के सभी प्राचार्य के सेवानिवृत्ति के बाद अर्चना खाका को प्रभारी प्राचार्य बनाए गया था।उनकी रुचि नर्सिंग की पढ़ाई कर रहे छात्रों को पढ़ाने में कम रिश्वतखोरी में ज्यादा है और ये सब सिविल सर्जन कार्यालय के नाक के नीचे हो रहा है।

 

छात्राओं ने बताया कि चार पांच लड़कियों के द्वारा पैसे देकर सर्टिफिकेट लिया गया है. हमलोगी के पास पैसा नहीं रहने से सर्टिफिकेट नहीं दिया जा रहा है।सुबह से भूखी प्यासी बैठी छात्राओं को देर शाम तक सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया था।मामले की शिकायत सिविल सर्जन से की है. सिविल सर्जन समस्या का समाधान करने की बात कही है.

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