झारखंड से मोदी कैबिनेट में किसकी लगेगी लॉटरी, अन्नपूर्णा देवी का दावा सबसे मजबूत, चुनाव की वजह से दो से ज्यादा मंत्री पद मिल सकता है झारखंड को …
रांची। मोदी कैबिनेट में झारखंड से इस बार किसकी लॉटरी लगेगी? क्या अन्नपूर्णा देवी का कद रहेगा बरकरार या फिर निशिकांत दुबे या विद्युत वरण महतो में से किसी की किस्मत का ताला खुलेगा। यूं तो खिचड़ी सरकार बनने के बाद केंद्र में मंत्री पद की स्थिति एक अनार, सौ बीमार वाली ही है। NDA के सभी गठबंधन साथियों को साधने में ही मंत्रियों का सारा कोटा इस बार भरता दिख रहा है। लिहाजा मंत्रियों में ज्यादा सेलेक्शन की गुंजाईश दिख नहीं रही है। पिछली बार अर्जुन मुंडा और अन्नपूर्णा देवी झारखंड का केंद्र में प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
वैसे तो इस बार झारखंड से सिर्फ एक ही मंत्री की जगह बनती दिख रही है। लेकिन चुनावी साल की वजह से झारखंड को ज्यादा से ज्यादा प्रतिनिधित्व अभी दिया जा सकता है। वैसे चर्चा पूरजोर है कि अन्नपूर्ण देवी को ही केंद्र में फिर से मौका मिल सकता है। अगर अन्य मंत्री पद की गुंजाईश बनी तो, निशिकांत दुबे मंत्री पद के लिए प्रबल दावेदार हैं। तेज तर्रार नेता और रणनीतिकार निशिकांत दुबे को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि बहुत ही कम अंतर से उनकी जीत जरूर उनके आड़े आ सकती है।
हालांकि मीडिया रिपोर्ट में ये दावा किया जा रहा है कि इस बार झारखंड में दो नेताओं को केंद्र में प्रतिनिधित्व मिलेगा, जिसके लिए प्रोफाइल भी मांगा गया है, लिहाजा हर कोई खुद में दावेदार बना दिख रहा है। वैसे महिला के साथ-साथ दूसरी बार जिस अंदाज में अन्नपूर्णा देवी ने जीत दर्ज की है, उससे उनका दावा सबसे मजबूत है। उन्हें राज्य मंत्री से प्रमोट कर केंद्रीय मंत्री या स्वतंत्र प्रभार मंत्री दिया जाता है। अन्नपूर्णा देवी के साथ प्लस प्वाइंट ये भी है कि वो महिला के साथ-साथ ओबीसी से भी आती है।
वैसे दावेदारों में जमशेदपुर से विद्युत वरण महतो और रांची सांसद संजय सेठ भी शामिल हैं, लेकिन इन दोनों पर मुहर लगेगी या नहीं, ये साफ नहीं है। संजय सेठ दूसरी बार और विद्युत वरण महतो तीसरी बार लगातार जीते हैं। निशिकांत दुबे का दावा भी काफी मजबूत है, लेकिन कुछ विवाद उनके आड़े आ सकता है। वैसे वो मोदी-शाह की पसंद लिस्ट में है, इसलिए उनका दावा भी इस बार मंत्री पद के लिए ठीक ठाक दिख रहा है। फिलहाल तो अभी सिर्फ अटकलें लग सकती है। फैसला तो अमित शाह-नरेंद्र मोदी को ही करना है।