लव कुश जयंती का धूमधाम से होगा आयोजन…कुशवाहा संघ की बैठक में लिया गया फैसला…आयोजन कमेटी का किया गया गठन, जिला संघ के ….
गिरिडीह कुशवाहा संघ जिला कार्यकारिणी की अहम बैठक संघ के जिलाध्यक्ष पूरन महत्व जी की अध्यक्षता में कुशवाहा छात्रावास में संपन्न हुई। इस महत्वपूर्ण बैठक में कई बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई जिसमें आगामी 11 अगस्त को प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी सामाजिक एकता और सौहार्द को बढ़ावा देने के उद्देश्य से समारोह आयोजित किए जाएंगे।
सामाजिक सौहार्द को बढ़ाने के लिए लव कुश (lav-kush) जयंती समारोह को बड़े धूमधाम से मनाने का निर्णय लिया गया। जयंती समारोह के सफल आयोजन के लिए एक अंतरिम समिति का निर्माण किया गया जिसकी बैठक 2 अगस्त को संध्या 5:00 बजे छात्रावास परिसर में होगी। गिरिडीह जिले में सभी प्रखंड में कुशवाहा संघ के नवनियुक्त प्रखंड समिति के अध्यक्ष और मंत्री का स्वागत किया गया। साथ ही कुशवाहा संघ के पूरी टीम को निर्देश दिया गया कि लव कुश जयंती को शानदार तरीके से मनाया जाय।
जयंती की शानदार सफलता के लिए संघ के सभी पदाधिकारी से कहा गया की अभी से समाज के विभिन्न टोले मुहल्लों में जाकर इसका प्रचार प्रसार करते हुए जागरूकता फैलाने का काम करें।जयंती मनाने के उद्देश्य और समाज के सभी वर्ग के लोगों को सहभागिता लेने का भी निर्णय लिया गया। साथ ही समाज के उत्थान की दिशा में उठाएं जाने वाले कदम में प्रतिभाओं के सम्मान के लिए उक्त समारोह में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
जयंती समारोह के अवसर पर मैट्रिक,स्नातकोत्तर और सरकारी सेवा में नवनियुक्त समाज के लोगों को एवम त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन में समाज के नव चयनित जनप्रतिनिधियों को भी समाज का मान बढ़ाने के लिए संघ की ओर से सम्मानित किया जाएगा। जमुआ पश्चिमी कुशवाहा संघ के पूर्व प्रखंड कमेटी के निर्वाचन को अभी स्थगित रखते हुए संघ के अध्यक्ष ने एक तदर्थ समिति का गठन किया। तदर्थ समिति स्थानीय स्तर पर चयनित प्रतिनिधियों से बात कर उत्पन्न विवाद का संपादन करेगी।
मालूम हो की समाज हित में छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थियों के लिए नए सिरे से नियमावली का निर्माण किया जाएगा ताकि समाज के वंचित व्यक्ति तक इसका लाभ पहुंच सके। जिला कुशवाहा संघ का कार्यकाल समाप्त होने के उपरांत कुशवाहा संघ की नई समिति के पुनर्गठन के लिए सर्वसम्मति से आगामी 21अगस्त का दिन तय किया गया।
आज की बैठक में मुख्य रूप से अर्जुन प्रसाद वर्मा, बसंत कुमार वर्मा, मुन्ना प्रसाद कुशवाहा, दिगंबर प्रसाद, दिवाकर इंद्र लाल वर्मा, इंद्र नारायण प्रसाद, पवन कुमार वर्मा, रीतलाल प्रसाद वर्मा, अरुण प्रसाद वर्मा, ओम प्रकाश महतो, रामदेव प्रसाद वर्मा, रमेश कुमार वर्मा, अंबिका महतो, यमुना महतो, जयप्रकाश वर्मा, पवन कुमार वर्मा, इंद्र लाल वर्मा, कैलाश कुमार वर्मा, डॉ शशि भूषण प्रसाद, अरुण वर्मा, विनोद प्रसाद वर्मा, रामचंद्र वर्मा सहित सैकड़ों की संख्या में समाज के सोच रखने वाले साथी उपस्थित थे।