कोर्ट में घुसकर माफिया मुख्तार अंसारी के शूटर को गोलियों से भूना, वकील का कपड़ा पहनकर पहुंचे थे हत्यारे, मचा हड़ंकप

लखनऊ। अतीक अहमद की सरेआम हत्या के बाद अब माफिया मुख्तार अंसारी के एक करीबी संजीव जीवा को कोर्ट में गोलियों से भून दिया गया। कोर्ट में फायरिंग से हड़कंप मच गया। खबर है कि हमलावर वकील की ड्रेस में आये थे। संजीव जीवा बीजेपी नेता ब्रह्मदत्त दिवेदी की हत्या का आरोपी था. इसके अलावा वह कई दूसरे मामलों में अभियुक्त था. घटनास्थल पर इस समय भारी पुलिस बल मौजूद है।

जानकारी के मुताबिक राजधानी लखनऊ के वजीरगंज थाना क्षेत्र में संजीव जीवा की कोर्ट में हत्या कर दी गयी। कातिल वकील की ड्रेस पहनकर आए थे और उन्होंने कचहरी में घुसकर वारदात को अंजाम दिया है। वारदात लखनऊ सिविल कोर्ट के बाहर अंजाम दिया गया है। मृतक की पहचान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया संजीव जीवा माहेश्वरी के रूप में हुई है।

जानकारी के मुताबिक गोली लगने पर संजीव की मौके पर ही मौत हो गई। संजीव जीवा बीजेपी नेता ब्रह्मदत्त दिवेदी की हत्या का आरोपी था। इसके अलावा वह कई दूसरे मामलों में अभियुक्त था. घटनास्थल पर इस समय भारी पुलिस बल मौजूद है। इधर घटना के बाद कोर्ट में जमकर वकीलों ने बवाल किया। वकील का आरोप है कि सुरक्षा व्यवस्था का कोर्ट में दावा किया जाता है, बावजूद कोई शूटर आता है और गोली मारकर चला जाता है।

जानिये कौन था शूटर जीवा, जिसकी हुई हत्या

मृतक संजीव जीवा मुख्तार अंसारी की शूटर रहा है। वो पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर का रहने वाला था। संजीव का नाम चर्चित कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी सामने आया था। संजीव इस वक्त यूपी की लखनऊ जेल में बंद था। संजीव फिलहाल लखनऊ की जेल में बंद था। अपराध की दुनिया में संजीव के कदम रखने की बात की जाए तो उसने सबसे पहले 90 के दशक में अपना वर्चस्व बनाना शुरू किया था। इसके बाद उसने आम लोगों के साथ-साथ पुलिस और प्रशासन में भी अपनी आतंक फैलाना शुरू कर दिया। संजीव अपने जीवन के शुरुआती जीवन में कंपाउंडर था। नौकरी करते वक्त ही उसके मन में अपराध ने जन्म ले लिया और संजीव ने दवाखाना संचालक का ही अपहरण कर लिया। इसके बाद उसके हौसले बुलंद होते गए और 90 के दशक में जीवा ने कोलकाता के एक कारोबारी के बेटे को किडनैप कर लिया। इस वारदात को अंजाम देने के बाद उसने फिरौती के एवज में दो करोड़ रुपए की मांग की। दो करोड़ मांगना उस समय सबसे बड़ी बात हुआ करती थी।

HPBL Desk
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