आदिपुरुष के मेकर्स को पड़ी कोर्ट से फटकार,रामायण-कुरान जैसे धार्मिक ग्रंथों को तो बख्श दीजिए

मुंबई । ओम राउत द्वारा निर्देशित 'आदिपुरुष' को लेकर पूरे देश में चल रहे विवाद के बीज हाई कोर्ट ने मेकर्स को फटकार लगाई है. इतना ही हाई कोर्ट ने सेंसर बोर्ड के लिए भी अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की है. आदिपुरुष (Adipurush) को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट में जस्टिस राजेश सिंह चौहान और जस्टिस श्रीप्रकाश सिंह की डिवीजन बेंच सवाल किया कि आप अगली पीढ़ी को क्या सिखाना चाहते हैं?

सेंसर बोर्ड से भी किए सवाल
अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने न्यायालय में बहस के दौरान अपना पक्ष रखते हुए फ़िल्म में दिखाए गए आपत्तिजनक तथ्यों और डायलॉग्स से हाई कोर्ट को अवगत कराया. वहीं 22 जून को प्रस्तुत अमेंडमेंट एप्लीकेशन को हाई कोर्ट द्वारा स्वीकृत करते हुए सेंसर बोर्ड की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अश्विनी सिंह से हाई कोर्ट ने पूछा कि 'क्या करता रहता है सेंसर बोर्ड? सिनेमा समाज का दर्पण होता है, आगे आने वाले पीढ़ियों को क्या सिखाना चाहते हो? क्या सेंसर बोर्ड अपनी जिम्मेदारियों को नहीं समझता है?'

वरिष्ठ अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने कोर्ट को अपत्तिजनक तथ्यों से अवगत कराया और विरोध दर्ज कराया. सेंसर बोर्ड की तरफ से अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपस्थित हुए थे. हमारे द्वारा 22 जून को प्रस्तुत अमेंडमेंट एप्लीकेशन को न्यायालय द्वारा स्वीकृत करते हुए सेंसर बोर्ड की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अश्विनी सिंह से पूछा कि क्या करता रहता है सेंसर बोर्ड? सिनेमा समाज का दर्पण होता है, आगे आने वाली पीढ़ियों को क्या सिखाना चाहते हो? क्या सेंसर बोर्ड अपनी जिम्मेदारियों को नहीं समझता है?'

HPBL Desk
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