ममता देवी की भी विधायकी जायेगी : ममता ही नहीं, इन विधायकों की भी छिनी है विधायकी….. सजा के बाद किसकी-किसकी गयी है कुर्सी पढ़िये
रांची। झारखंड की एक और विधायक की विधायकी खत्म होने वाली है। गोलीकांड में 5 साल की सजा पाने वाली रामगढ़ की विधायक ममता देवी की सजा के ऐलान के साथ ही तय हो गया, झारखंड के एक और विधायक की कुर्सी जाने वाली है। कानून के मुताबिक 2 साल से अधिक की सजा पर विधायक पद समाप्त हो जाने का प्रावधान है। जाहिर है कोर्ट के आदेश की कॉपी विधानसभा को मिलते ही रामगढ़ विधायक की विधानसभा से सदस्यता खत्म हो जायेगी।
झारखंड में कई विधायक हैं जो अलग-अलग मामलो में दोषी पाये जाने के बाद या तो अपनी विधायकी गंवा चुके हैं, या फिर जिनकी विधायकी पर खतरा मंडरा रहा है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद भी विधायकी जाने के मामले में अटके हुए हैं। वहीं बाबूलाल मरांडी दलबदल कानून में फंसे हैं। प्रदेश के 4 से 5 विधायक पर अभी तलवार लटका हुआ है। ममता देवी से पहले एनोस एक्का, बंधु तिर्की, कमल किशोर भगत, योगेंद्र साव, और अमित महतो की विधायकी जा चुकी है।
आजसू विधायक रहे कमल किशोर भगत को कोर्ट ने डॉ. केके सिन्हा के साथ मारपीट मामले में सात साल की कैद और 10 हजार का जुर्माना लगाया था. जिसके बाद उनकी विधायकी चली गई थी, वहीं गोमिया विधायक रहे योगेंद्र महतो को कोयला चोरी के मामले में कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई। योगेंद्र की भी विधायकी चली गई थी। वहीं जेएमएम विधायक रहे अमित महतो को सीओ के साथ मारपीट मामले में कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई। सजा मिलने के बाद अमित महतो की विधायकी चली गई थी।
वहीं विधायक रहे एनोस एक्का को पारा टीचर हत्या मामले में कोर्ट ने जुलाई 2018 में आजीवन कारावास और एक लाख जुर्माना लगाया था। फैसले के बाद उनकी विधायकी खत्म हो गई थी। मांडर से विधायक रहे बंधु तिर्की को कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में तीन साल की कैद और तीन लाख का जुर्माना लगाया है। राजधनवार से विधायक रहे निजामुद्दीन अंसारी की सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी। दिसंबर 2013 में गिरिडीह कोर्ट ने एक मामले में उन्हें 2 साल और 1 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।