नौकरी में झारखंड से 10वीं-12वीं से पास होने की अनिवार्यता मामला : हाईकोर्ट में अब 31 अगस्त को होगी अगली सुनवाई..... याचिकाकर्ताओं ने बताया - मौलिक अधिकारों का हनन

रांची: झारखंड हाईकोर्ट में JSSC स्नातक स्तरीय परीक्षा संचालन संशोधन नियमावली को लेकर अब अगली सुनवाई 31 अगस्त को होगी। इससे पहले मंगलवार हाईकोर्ट को याचिका पर सुनवाई हुई। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) स्नातक स्तरीय परीक्षा संचालन संशोधन नियमावली-2021 की याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में याचिकाकर्ता की तरफ से पक्ष रखा गया। इस मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 31 अगस्त की तिथि निर्धारित की है। उस दिन प्रथम केस के रूप में मामले की सुनवाई होगी।

याचिकाकर्ता के वकील अधिवक्ता अजीत कुमार, अधिवक्ता कुमार हर्ष ने दलील दी कि जेएसएससी नियमावली से सामान्य कोटि के विद्यार्थियों के मौलिक अधिकारों का हनन होता है। ये संविधान की आर्टिकल-14 व 16 का उल्लंघन है। नियमावली में यह शर्त लगाना असंवैधानिक है कि राज्य के संस्थान से ही 10वीं व इंटर की परीक्षा पास करनेवाले छात्र नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होंगे। यह शर्त सिर्फ सामान्य श्रेणी पर ही लागू है, जबकि आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों के मामले में इस शर्त को शिथिल कर दिया गया है। इतना ही नहीं भाषा के पेपर से हिंदी व अंग्रेजी को हटा दिया गया है, जबकि उर्दू, बांग्ला व ओडिया भाषा को शामिल किया गया है।

झारखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ में प्रार्थी की ओर से बहस जारी रही। राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता सुनील कुमार व अधिवक्ता पीयूष चित्रेश तथा जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि प्रार्थी प्रार्थी रमेश हांसदा, अभिषेक कुमार दुबे, विकास कुमार चौबे, रश्मि कुमारी व अन्य की ओर से अलग-अलग याचिका दायर कर जेएसएससी नियमावली को चुनौती दी गयी है। प्रार्थियों ने नियमावली को असंवैधानिक बताते हुए निरस्त करने की मांग की है।

HPBL Desk
HPBL Desk  

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति की हो, खेलकूद की हो, अपराध की हो, मनोरंजन की या फिर रोजगार की, उसे LIVE खबर की तर्ज पर हम आप तक पहुंचाते हैं।

Related Articles
Next Story