शादी तय हुई थी नेवी ऑफिसर से, लेकिन IAS के साथ लेगी सात फेरे, इसलिए तो कहते हैं बेटी लक्ष्मी होती है
गोड्डा। आलोक पंजियार के घर में जश्न थम नहीं रहा है। UPSC क्रैक कर क्षेत्र का नाम रौशन करने वाले आलोक को शादी के पहले UPSC ने गिफ्ट दिया है। लिहाजा आलोक के साथ-साथ उनकी मंगेतर के घर पर भी जश्न का सिलसिला जारी है। आलोक की जब शादी लगी थी, तो उस वक्त वो नेवी अफसर हैं, लेकिन अब जब वो फेरे लेंगे तो IAS अफसर बनकर फेरे लेंगे। आलोक की शादी 28 जून को होने वाली है।
गोड्डा के लोहिया नगर में रहने वाले आलोक पंजियार ने यूपीएससी परीक्षा में 549वां रैंक हासिल किया। उन्हें IAS या IPS मिल सकता है। UPSC की परीक्षा देने से पहले आलोक ने समुद्री सेना के जहाज में थर्ड नेविगेटिंग ऑफिसर के रूप में 7 साल तक काम किया है। लेकिन, पिछले चार साल से वे यूपीएससी की तैयारी में जुटे रहे। उन्होंने दूसरे प्रयास में इस परीक्षा में सफलता पाई।
आलोक पंजियार ने बताया कि बचपन से ही उनका सपना यूपीएससी की परीक्षा पास करके आईएएस ऑफिसर बनना था। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी मां ललिता देवी और पिता राजकिशोर पंजियार के आशीर्वाद से यह परीक्षा पास की विपरीत परिस्थितियों में उनके छोटे भाई आनंद कुमार और छोटी बहन सीमा भारती का भी भरपूर सहयोग मिला।
आलोक ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बोर्ड स्कूल गोड़ा में रहकर की, उसके बाद 6ठी से 12वीं तक की शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय और फिर नॉटिकल साइंस से टीएस चाणक्य मुंबई से स्नातक की पढ़ाई की। आलोक ने बताया कि पिछली बार पीटी एग्जाम ‘क्लीयर करने के बाद इंटरव्यू में वह पीछे रह गए थे। इस बार मेंस और इंटरव्यू दोनों ही उन्होंने पास करने में सफलता हासिल की बहुत सिद्दत से देखा गया सपना सच साबित कर दिया। आलोक के पिता राजकिशोर पंजियार के मुताबिक 28 जून को आलोक की शादी बिहार के पूर्णिया जिले में तय हुई है।
अपने होने वाले दामाद की कामयाबी से लड़की और उसके घर वाले भी काफी खुश हैं। पूरे परिवार में खुशियों का माहौल बना हुआ है। बता दें कि आलोक ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बोर्ड स्कूल गोड्डा में रहकर की है. उसके बाद छठी से बारहवीं तक की शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय और फिर नॉटिकल साइंस से टीएस चाणक्य मुंबई से स्नातक की पढ़ाई की है. जबकि आलोक की इस कामयाबी से उनके ससुराल में भी जश्नु का माहौल है. दरअसल उनकी शादी अगले महीने 28 जून को होनी है.
आलोक ने समुद्री सेना के जहाज में थर्ड नेविगेटिंग ऑफिसर के रूप में 7 वर्ष तक अपना योगदान दिया. जबकि वह पिछले 4 वर्षों से यूपीएससी की तैयारी में जुटे थे. उन्होंने दूसरे प्रयास में इस परीक्षा में सफलता पाई है. वहीं, आलोक पंजियार ने बताया कि बचपन से ही उनका सपना यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस ऑफिसर बनने का था. उन्हों ने अपनी मां ललिता देवी और पिता राजकिशोर पंजियार के आशीर्वाद से परीक्षा पास की है. साथ ही कहा कि विपरीत परिस्थिति में उनके छोटे भाई आनंद कुमार और छोटी बहन सीमा भारती का भी भरपूर सहयोग मिला.