मास्टर साहब बने मिनिस्टर: जानिये कौन हैं दुर्गादास? जिन्होंने शिक्षक की नौकरी छोड़, जीता लोकसभा चुनाव, चार भाषाओं के हैं जानकार, जानिये उनके बारे में

Modi Cabinet : पीएम नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधामंत्री पद की शपथ ले ली। मध्य प्रदेश से इस बार 3 सांसदों को कैबिनेट में शामिल किया गया है, तो वहीं 2 राज्य मंत्रियों को भी शामिल किया गया है। बैतूल से सांसद दुर्गादास उईके को राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई है। दुर्गादास ने मास्टर से लेकर मिनिस्टर तक का सफर तय किया है।

कौन हैं दुर्गादास उईके?
दुर्गादास उइके का जन्म 29 अक्टूबर 1963 को बैतूल जिले के मीरापुर गांव में हुआ था. उनके पिता स्वर्गीय सूरतलाल उइके, माता स्वर्गीय रामकली उइके, पत्नी ममता उइके हैं. दुर्गादास उइके राजनीति में आने से पहले शिक्षक थे. शिक्षा की बात करें तो उन्होंने समाजशास्त्र में एमए और बीएड किया है. उन्हें चार भाषाओं का भी ज्ञान है. दुर्गादास उइके ने 30 साल तक सरकारी स्कूलों में शिक्षक के तौर पर अपनी सेवाएं दी हैं. वे 2019 में 17वीं लोकसभा में पहली बार सांसद चुने गए थे।

दुर्गा दास उइके को डीडी उइके के नाम से भी जाना जाता है2019 में बीजेपी ज्वाइन की और पहले ही चुनाव में टीचर से सांसद बन गए. बैतूल लोकसभा सीट से दुर्गादास उईके दोबारा जीते तो कांग्रेस प्रत्याशी रामू टेकाम को 3 लाख 79 हजार 761 वोटों से हराया. बैतूल में बंपर जीत के बाद उन्हें मंत्रिमंडल में जगह दी गई है.दुर्गादास उईके आदिवासी वर्ग से आते हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि जातिगत समीकरणों को साधने के लिए उन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया है. अब वह मोदी कैबिनेट में राज्यमंत्री बन गए हैं।

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उन्होंने 2024 के चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार रामू टेकाम को 3,79,761 मतों के बड़े अंतर से हराया. उइके को कैबिनेट में शामिल किए जाने को उनकी आदिवासी पृष्ठभूमि को देखते हुए जातिगत समीकरणों को साधने के कदम के रूप में देखा जा रहा है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की गिनती उन राज्यों में होती है जहां आदिवासी आबादी बहुत अधिक है और राजनीतिक दृष्टि से यह काफी अहम है.

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