मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस फरमान से उड़े मंत्रियों के होश, कैबिनेट में कह दी ऐसी बातें, कि…मंत्री हो गये अभी से अलर्ट…जाने पूरी खबर

Ministers were shocked by this order from Chief Minister Hemant Soren, such things were said in the cabinet that... ministers have become alert from now... know the complete news

रांची। मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिया है कि वो साफ सुथरे छवि के अधिकारियों को ही अपना स्टाफ रखें। मंत्रियों के साथ पहली औपचारिक बैठक में मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को कहा कि विवादित और दागी छवि के अधिकारी या कर्मचारी को मंत्री अपनी निजी स्थापना में ना रखें। पिछले कार्यकाल में भ्रष्टाचार पर बुरी तरह से घिरी हेमंत सरकार ने इस बार हर कदम को फूंक-फूंककर उठाने का इरादा कर लिया है।

 

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री तक के कई अफसरों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार से लेकर सचिव तक ईडी के राडार पर थे। मंत्री आलमगीर आलम के के स्टाफ ने तो हद ही कर दी थी, जिसकी वजह से मंत्री को भी जेल की हवा खानी पड़ रही है। ऐसे में पिछले कार्यकाल में हुए छीछालेदर के बाद हेमंत सरकार ने इस बार मंत्रियों को खास सतर्कता के आदेश दिये हैं।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्री अपने आप्त सचिव तथा निजी स्टाफ रखते समय उसकी पृष्ठभूमि जरूर देख लिया करें। ताकि विवादित कर्मी मंत्री कार्यालय में स्थान नहीं पायें। जाहिर है मुख्यमंत्री के इस आदेश के बाद मंत्रियों को काफी सोच समझकर अपने निजी स्थापना में अधिकारियों की नियुक्ति करनी होगी। दागी और भ्रष्ट अफसरों की इंट्री अब मंत्रियों के दफ्तर में नहीं होगी।

 

आलमगीर प्रकरण से हेमंत सरकार ने लिया सबक

जेल में बंद आलमगीर आलम के मुद्दे पर ईडी ने कोर्ट को बताया था कि इस 56 करोड़ रुपये में पूर्व मंत्री आलमगीर आलम ने 35 करोड़ रुपये अपने अपने निजी सचिव संजीव कुमार लाल के माध्यम से कमीशन के रूप में लिया था। तत्कालीन मंत्री आलमगीर आलम के लिए संजीव कुमार लाल मुख्य अभियंता, अभियंताओं से कमीशन की राशि वसूलते थे और मंत्री को उनका शेयर पहुंचाते थे। ऊपर से नीचे तक के सभी टेंडरों में कमीशन वसूली का पूरा नियंत्रण संजीव कुमार लाल के पास था।

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संजीव कुमार लाल कमीशन की राशि अपने नौकर जहांगीर आलम के माध्यम से वसूलते थे। टेंडर के कार्य आवंटन के एवज में 1.35 प्रतिशत कमीशन निजी सजीव संजीव कुमार लाल के माध्यम से तत्कालीन मंत्री आलमगीर आलम वसूलते थे। वहीं, 1.65 प्रतिशत कमीशन वरिष्ठ नौकरशाहों, इंजीनियरों व कर्मियों तक पहुंचते थे। पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव कुमार लाल ने अपने दोस्त मुन्ना सिंह के माध्यम से कमीशन में 53 करोड़ रुपये की वसूली कराई थी। इनमें से मुन्ना सिंह ने 50 करोड़ रुपये संजीव लाल को उनके नौकर जहांगीर आलम के माध्यम से दिया था। मुन्ना सिंह के ठिकाने से 2.93 करोड़ रुपये बरामद हुए थे।

 

कमीशन की वसूली से लेकर संजीव कुमार लाल तक उक्त राशि पहुंचाने में मुन्ना सिंह के भाई संतोष कुमार उर्फ रिंकू सिंह ने सहयोग किया। मुन्ना सिंह ने भी ईडी के सामने स्वीकारा है कि बरामद 53 करोड़ रुपये ग्रामीण विकास विभाग के इंजीनियर संतोष कुमार, राजकुमार टोप्पो, अजय कुमार, अशोक कुमार गुप्ता, व अजय तिर्की से वसूले गए थे।

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